SBU : विद्यार्थियों ने जाना, कैसे बन सकते हैं उद्यमी और आत्‍मनिर्भर

झारखंड
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रांची। सरला बिरला विश्वविद्यालय (SBU) के सभागार में स्वावलंबी भारत अभियान के तहत ‘उद्यमिता, स्वालंबन और आत्मनिर्भर भारत’ विषय पर युवा संवाद का आयोजन 8 सितंबर को किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह संगठक सतीश कुमार थे। उन्‍होंने विद्यार्थियों को उद्यमिता और आत्मनिर्भरता के विभिन्न पहलुओं से परिचित कराया। छात्रों को सफल उद्यमी एवं आत्मनिर्भर बनने का संकल्प भी दिलाया।

संगठिन क्षेत्र में 10 फीसदी रोजगार

रोजगार पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि संगठित क्षेत्र में चाहे वह निजी हो या सरकारी, केवल 10 प्रतिशत लोगों को ही रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकते हैं। उन्‍होंने विश्व के विभिन्न नामचिन उद्यमियों के जीवनी व उनके द्वारा लिए गए विवेकपूर्ण निर्णय का उदाहरण देते हुए उद्यमिता, स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ने के कई महत्वपूर्ण गुर सिखाए। छात्र-छात्राओं से अध्ययन के साथ-साथ कुछ अतिरिक्त आय के कार्य करने की बात की। मंच पर आमंत्रित कर न केवल उनका हौसला बढ़ाया, बल्कि उन्हें सम्मानित भी किया।

रोजगार प्रदाता बनने पर दिया जोर

कुमार ने कहा कि जॉब्स आर लिमिटेड बट एम्प्लॉयमेंट इस अनलिमिटेड। छात्रों को थिंक बिग, थिंक न्यू एंड थिंक आउट ऑफ बॉक्स के कांसेप्ट को क्लियर करते हुए स्वयं के स्वावलंबन के साथ-साथ समाज, राष्ट्र और देश के आत्मनिर्भरता के लिए उद्यमिता के मार्ग को अपनाने और मिशन फर्स्ट एवं स्वदेशी मस्त के विचार के साथ रोजगार प्रदाता बनने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने ‘गांव शहर की एक ही पुकार- उद्यमिता और स्वरोजगार’ के नारे को बुलंद किया।

व्हाइट कॉलर जॉब माइंडसेट से बाहर निकलें

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सेवानिवृत्‍त आईएएस सह पलामू के पूर्व कमिश्नर डॉ जटाशंकर चौधरी ने आत्मनिर्भरता का अर्थ और महत्व के बारे में बताया। उन्होंने व्हाइट कॉलर जॉब माइंडसेट से बाहर निकलकर प्रारंभिक स्थिति से ही अर्निंग के साथ-साथ लर्निंग कांसेप्ट को विकसित करने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि सभी में कुछ न कुछ विशिष्ट प्रतिभा होती है, जिसे पहचान कर उस दिशा में आगे बढ़ने से ही स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बन सकते हैं।

जॉब गिवर बनने की राह पर आगे बढ़े

विशिष्ट अतिथि नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक सुनील जहागीरदार ने नाबार्ड द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों की विस्तृत चर्चा की। एग्रीकल्चर सेक्टर के डेवलपमेंट सहित विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसर की बात की। उन्होंने कहा कि भारत आज विश्व की पांचवीं इकोनामी वाला देश है। यदि गवर्नमेंट के विभिन्न स्कीम का लाभ लेकर युवा जॉब सीकर की जगह पर जॉब गिवर बनने की राह पर आगे बढ़े तो भारत 2027 में ही 5 बिलियन इकोनामी वाला देश बन जाएगा।

भारत सभी दिशा में आगे बढ़ रहा

स्वदेशी जागरण मंच के क्षेत्र संगठक अजय कुमार ने युवा संवाद की प्रस्तावना रखते हुए कहा कि आज हमारा भारत, नया भारत, उभरता भारत और निखरता भारत सभी दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने स्किल को रोजगार के साथ जोड़ने की बात कही। छात्रों से स्टार्टअप की ओर बढ़ने और रोजगार के नई संभावनाओं को तलाश करने की अपील की। उन्होंने उद्यमिता, स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता के कार्यक्रमों द्वारा एग्रीकल्चर सेक्टर के जीडीपी को 20 से 45 प्रतिशत करने की बात की।

नौजवान ही परिवर्तन के प्रतीक हैं

अतिथियों का स्वागत और विषय प्रवेश विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफ़ेसर विजय कुमार सिंह ने कराया। उन्‍होंने कहा कि आज भारत का नौजवान आत्मनिर्भरता के मार्ग पर अग्रसर हो चला है। नौजवान ही परिवर्तन के प्रतीक होते हैं। भारत का युवा अब उद्यमिता के मार्ग पर चलकर खुद स्वावलंबी बन देश को भी आत्मनिर्भर बनाने में अपनी प्रतिभा और क्षमता का सदुपयोग कर सकेंगे।

कार्यक्रम में ये मौजूद

कार्यक्रम का संचालन डॉ आरोही आनंद और धन्यवाद ज्ञा विकास कुमार ने किया। कार्यक्रम में विवि के मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी डॉ प्रदीप वर्मा, स्वदेशी जागरण मंच के संघर्ष वाहिनी प्रमुख बंदे शंकर, स्वदेशी मेला प्रमुख सचिंद्र कुमार बरियार, स्वावलंबी भारत अभियान के क्षेत्र समन्वयक बिंदेश्वरी, क्षेत्र संयोजक अमरेंद्र सिंह, प्रांत संयोजक राजेश उपाध्याय, जिला समन्वयक अंचल तिवारी सहित स्वदेशी जागरण मंच, स्वावलंबी भारत अभियान के पदधारी, सरला बिरला विश्वविद्यालय के सभी संकायाध्यक्ष, सह संकायाध्यक्ष, प्राध्यापक, एनएसएस वॉलेंटियर सहित छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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