रांची। कोल इंडिया लिमिटेड की सहायक व मिनी रत्न कम्पनी सेन्ट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इन्स्टीच्यूट (सीएमपीडीआई) ने गैर-कोयला गवेषण में प्रवेश किया है। कंपनी ने ‘झारखंड के लोहरदगा जिले में स्थित मडुआ पाट-1 बॉक्साइट ब्लॉक में बॉक्साइट की प्रारंभिक खोज (जी 3 श्रेणी) परियोजना’ के लिए बॉक्साइट गवेषण कर भूवैज्ञानिक रिपोर्ट ‘नेशनल मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट (एनएमईटी)’ को सफलतापूर्वक सुपुर्द की गयी है। यह परियोजना पूरी तरह से भारत सरकार के खान मंत्रालय के एनएमईटी पोषित है।
इस ब्लॉक में ‘अनुमानित श्रेणी’ में 33.46 प्रतिशत एल्युमिनियम ऑक्साइड के औसत ग्रेड के साथ 1.40 मिलियन टन कुल इन-सीटू बॉक्साइट संसाधन, 34.46 प्रतिशत एल्युमिनियम ऑक्साइड के औसत ग्रेड के साथ 11.67 मिलियन टन कुल इन-सीटू एल्युमिनस लेटराइट संसाधन का अनुमान लगाया गया है। इसे राष्ट्रीय भंडार में जोड़ा गया है। उपरोक्त के अलावा ब्लॉक में 7.04 प्रतिशत टाइटेनियम डाय-ऑक्साइड के औसत ग्रेड के साथ कुल इन-सीटू टाइटेनियम डाय-ऑक्साइड युक्त अयस्क का भी अनुमान लगाया गया है।
इसके अतिरिक्त, सीएमपीडीआई द्वारा लोहरदगा जिले में दो अन्य बॉक्साइट गवेषण परियोजनाएं और गिरिडीह जिले में एक बेस मेटल गवेषण परियोजना क्रियान्वित की जा रही है।
सीएमपीडीआई ने अपने कार्यक्षेत्र में विविधीकरण (डाइवर्सिफिकेशन) के रूप में बॉक्साइट गवेषण कार्य को अपनाते हुए एनएमईटी को सफलतापूर्वक भूवैज्ञानिक रिपोर्ट (जीआर) सुपुर्द किया है।
सीएमपीडीआई देश में कोयला गवेषण में प्रमुख और स्थापित संस्था है। सीएमपीडीआई ने भारत में सभी प्रकार के भूखंडों और भूवैज्ञानिक सेट-अप में 1000 से अधिक कोयला गवेषण परियोजनाएं पूरी की हैं। इसके परिणामस्वरूप 152 अरब टन से अधिक का कोयला भंडार प्रमाणित श्रेणी में लाया गया है।
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