40 साल बाद 80 साल के बुजुर्ग को हत्या के मामले में मिली उम्रकैद की सजा

देश उत्तर प्रदेश
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उत्तर प्रदेश। हैरान कर देने वाली खबर उत्तर प्रदेश से आई है। अलीगढ़ में चार दशकों के बाद बड़े भाई की हत्या करने वाले आरोपी को कोर्ट ने सजा सुनाई है।

साल 1983 में इगलास में भूमि विवाद में अपने बड़े भाई की जान लेने वाले 80 साल के जयपाल सिंह को कोर्ट ने आजीवन कारावास दिया है। अदालत ने जयपाल सिंह पर 20,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अलीगढ़ के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (प्रथम) मनोज कुमार अग्रवाल की अदालत ने 40 साल बाद इस मामले में अंतिम फैसला सुनाया है।

मामले में कार्रवाई 39 साल पहले शुरू हुई थी। हत्या के बाद जयपाल को गिरफ्तार कर लिया गया था और कुछ महीनों के बाद वह जमानत पर रिहा हो गया। साल 1984 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने केस में स्टे ऑर्डर जारी किया था।

दशकों तक इंतजार करने के बाद पीड़ित रघुनाथ सिंह की पत्नी और याचिकाकर्ता चंद्रमुखी जो अब 75 साल की हैं, ने इस जून में HC का दरवाजा खटखटाया था। इसके बाद अदालत ने मामले में त्वरित सुनवाई का आदेश दिया था।

अतिरिक्त जिला सरकारी वकील (एडीजीसी) जेपी राजपूत ने मंगलवार को कहा कि मामले में कम से कम 17 गवाह थे। चंद्रमुखी ने 1984 में अपनी गवाही दी थी, जबकि कुछ गवाहों की मौत हो गई। कई गवाह बीते कुछ सालों में कोर्ट में पेश नहीं हुए। ऐसे में पांच गवाहों की गवाही और अन्य सबूतों के आधार पर अदालत ने सोमवार को आरोपी को दोषी करार देकर सजा सुनाई है।

मामले की डिटेल साझा करते हुए एडीजीसी ने कहा कि दोषी अपने बड़े भाई की खेती की जमीन हड़पना चाहता था, जिसके कारण उनके बीच सालों से तनाव चल रहा था। उन्होंने कहा कि 3 जून 1983 की सुबह जब रघुनाथ घर लौट रहे थे, तो जयपाल ने उन पर छड़ी से हमला किया। रघुनाथ को गंभीर चोटें आईं और अगले दिन अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में उनकी मौत हो गई।

चंद्रमुखी ने बताया कि उसके ससुर ने पैतृक जमीन अपने दोनों बेटों के बीच बांट दी थी। जयपाल अपनी जमीन को रघुनाथ की संपत्ति से बदलना चाहता था, जिससे रघुनाथ ने इनकार कर दिया था। गुस्से में आकर जयपाल ने उस पर हमला कर दिया, जिससे उनकी मौत हो गई।