इस मेडिकल कॉलेज के 17 रेजिडेंट डॉक्टरों ने दिया एक साथ इस्तीफा, मचा हड़कंप, ये वजह आई सामने

उत्तर प्रदेश देश
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उत्तर प्रदेश। हैरान कर देने वाली खबर उत्तर प्रदेश से आई है, जहां 17 रेजिडेंट डॉक्टरों ने एक साथ इस्तीफा दे दिया है। इसके बाद पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया है।

बता दें कि यूपी का एक मेडिकल कॉलेज ऐसा भी है, जो लंबे अरसे से डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है। यहां आए डॉक्टर या तो इस्तीफे दे रहे हैं या फिर उनका तबादला हो जा रहा है। वहीं कुछ डॉक्टर ऐसे भी हैं, जो लंबे समय से मेडिकल कारणों से छुट्टी पर हैं। ऐसे में मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

उत्तर प्रदेश के पीलीभीत के जिला अस्पताल को भले ही अप्रैल माह से कागजों में मेडिकल कॉलेज की उपाधि दे दी गई हो, लेकिन यहां की बेपटरी स्वास्थ्य सुविधाएं पटरी पर आने का नाम नहीं ले रही हैं। कई सालों से यह अस्पताल डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है। बीते साल के बाद से हालात बद से बदतर हो चुके  हैं।

बता दें कि, बीते साल विभाग ने पीलीभीत में तैनात कई डॉक्टरों के तबादले अन्य ज़िलों में कर दिए थे। लेकिन पीलीभीत में पद रिक्त होने के बाद भी उन स्थानों पर डॉक्टरों की तैनाती नहीं की गई। हाल ही में मेडिकल कॉलेज में परिवर्तित होने के बाद यहां 31 सीनियर व जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की तैनाती की गई थी।

इससे ओपीडी में आने वाले मरीजों को फौरी तौर पर राहत मिलने भी लगी थी। लेकिन बीते दिनों एक साथ 17 डॉक्टरों ने इस्तीफा दे दिया। जिससे हालात और अधिक खराब हो गए हैं। वहीं अधिकारियों की मानें, तो डॉक्टरों के इस्तीफे के पीछे की वजह पीजी में एडमिशन और अन्य नौकरी मिलना है।

अगर जिले की बात की जाए, तो जिले भर के अधिकांश इलाकों से औसतन 800 मरीज प्रतिदिन मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में पहुंचते हैं। इनमें से अधिकांश या तो हड्डी रोग या फिर फीवर के होते हैं। दोनों ही विभागों में एक-एक डॉक्टर तैनात हैं।

इनमें वरिष्ठ फिजीशियन डॉक्टर रमाकांत सागर की अन्य जगहों पर भी ड्यूटी लगाई जाती है। वहीं हड्डी रोग विशषज्ञ डॉ. संजीव सक्सेना के पास मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य का भी चार्ज है। ऐसे में ओपीडी में आने वाले मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

पूरे मामले पर अधिक जानकारी देते हुए पीलीभीत मेडिकल कॉलेज के नोडल अधिकारी डॉ. संजीव सक्सेना ने बताया कि बीते दिनों कई रेजिडेंट डॉक्टरों ने इस्तीफा दिया है। ऐसे में ओपीडी पर कुछ प्रभाव पड़ा है। शासन को पूरी स्थिति से अवगत करा दिया गया है। शासन की ओर से जल्द निर्णय लिया जाएगा। मरीजों को परेशानी न हो, इसके हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।