सुभाष चंद्र वार्ष्णेय का 80 की उम्र में निधन, झारखंड से लेकर कोलकाता तक शोक की लहर

झारखंड
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आदित्यपुर। बिछड़ा कुछ इस अदा से कि रुत ही बदल गई, इक शख़्स सारे शहर को वीरान कर गया… जी हां,  हम बात कर रहे हैं 80 वर्षीय सुभाष चंद्र वार्ष्णेय की। सोमवार को कोलकाता हाजरा रोड स्थित आवास पर उनका निधन हो गया।

वह वर्षों से बंद पड़ी कांड्रा स्थित सरायकेला ग्लास वर्क्स कंपनी के निदेशक थे और कंपनी के संस्थापक स्वर्गीय हरिश्चंद्र वार्ष्णेय के छोटे पुत्र थे। आज ही (सोमवार) दोपहर उनकी शव यात्रा आवास से निकाली गई तथा कोराटोला कोलकाता स्थित विद्युत शवदाह गृह में उनका अंतिम संस्कार किया गया।

सुभाष चंद्र वार्ष्णेय की मौत की खबर मिलते ही कांड्रा और आसपास के लोगों में शोक की लहर दौड़ गई। कंपनी के कर्मचारी और स्थानीय लोगों में वे ‘बाबू साहब’ के नाम से प्रसिद्ध थे।

उनको याद करते हुए कंपनी के कर्मचारियों ने बताया कि वह एक बहुत ही नेक दिल और लोकप्रिय इंसान थे। वह कंपनी में कार्यरत मजदूरों के साथ-साथ स्थानीय लोगों और जरूरतमंदों की मदद करने में हमेशा आगे रहते थे।

इधर उनके निधन पर भारत संस्कार के अध्यक्ष विनोद वार्ष्णेय और उपाध्यक्ष एसडी प्रसाद ने गहरा शोक प्रकट किया है। दिवंगत आत्मा की शांति के लिए दोनों ने ईश्वर से प्रार्थना की है, कि वे अपने चरणों में उन्हें स्थान दें।

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