लातेहार। झारखंड के लातेहार जिला अंतर्गत सीसीएल के कोल प्रोजेक्ट के कार्य को गति प्रदान करने को लेकर भूमि अधिग्रहण का मुआवजा, नौकरी एवं पुनर्वास समेत अन्य बिंदुओं पर 10 अगस्त को चर्चा हुई। समाहरणालय सभागार में हुई बैठक की अध्यक्षता पलामू प्रमंडल के आयुक्त मनोज जयसवाल ने की। इसमें मगध, संघमित्रा, तेतरियाखांड़ कोल प्रोजेक्ट पर चर्चा हुई।
प्रमंडलीय आयुक्त ने कहा कि कोल परियोजना संचालित होने से जिले के विकास को गति मिलेगा। मगध, संघमित्रा एवं तेतरियाखांड़ कोल प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए अधिग्रिहित भूमि के बदले रैयतों को मुआवजा, नौकरी देने एवं उनके पुनर्वास से सम्बंधित कार्य ससमय पूर्ण करना होगा।
आयुक्त ने कहा कि अधिग्रिहीत भूमि के मुआवजा भुगतान के लिए रैयती एवं गैरमजरुआ भूमि के रैयत का निर्धारण रिवीजनल सर्वे के आधार पर किया जाना है। उन्होंने बालूमाथ के अंचल अधिकारी और बारियातू के अंचल अधिकारी को 1 माह के अंदर रिवीजनल सर्वे के आधार पर रैयतों की विवरणी एवं उनकी भूमि संबंधी दस्तावेज उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। संघमित्रा कोल प्रोजेक्ट के लिए बारियातू के अंचल अधिकारी को गैरमजरुआ जमीन का एक माह के अंदर भौतिक जांच एवं सत्यापन पूरा करने का निर्देश दिया।
सीसीएल मगध के महाप्रबंधक ने बताया कि उनके क्षेत्र में कई ऐसे मामले हैं, जिसमें रिवीजनल सर्वे में सीएनटी एक्ट के तहत गैरमजरुआ भूमि का नया जमाबंदी खोले जाने के कारण मुआवजा भुगतान करने में समस्या आ रही है।
बालूमाथ के अंचल अधिकारी ने बताया कि मगध कोल प्रोजेक्ट अंतर्गत 122 मामलों में से 61 के विरुद्ध सिविल कोर्ट में वाद दायर है।
आयुक्त ने डबल जमाबंदी के मामलों का जल्द निष्पादन करने का निर्देश दिया। बैठक में कोल प्रोजेक्ट के तहत विभिन्न कार्यों के लिए वनाधिकार अधिनियम के तहत अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गत करने से सम्बंधित कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया गया।
बैठक में सीसीएल के महाप्रबंधक द्वारा लातेहार के वन प्रमंडल पदाधिकारी से प्रतिपूरक पौधरोपण के लिए 800 हेक्टेयर वनभूमि चिन्हित कर उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया।
आयुक्त ने कहा कि जिला प्रशासन और सीसीएल के पदाधिकारी आपस में समन्वय स्थापित कर भूमि अधिग्रहण से प्रभावित रैयतों को ससमय मुआवजा, नौकरी एवं पुनर्वास का लाभ प्रदान कर उनका विश्वास हासिल करें।
लातेहार उपायुक्त हिमांशु मोहन ने कहा कि कोल परियोजना के लिए अधिग्रिहित भूमि के रैयतों को ससमय मुआवजा और नौकरी दिलाने एवं उनके पुनर्वास के लिए जिला प्रशासन पूरी तत्परता के साथ कार्य करेगी।
सीसीएल के सीएमडी डॉ बी वीरा रेड्डी ने कहा सीसीएल एक पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग कंपनी है। इसका उद्देश्य सिर्फ लाभ कमाना नहीं, बल्कि देश और देशवासियों की आर्थिक प्रगति है। उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण से प्रभावित रैयतों को नियमानुसार मुआवजा एवं नौकरी देने के लिए हम कटिबद्ध हैं। इसके साथ ही इस क्षेत्र एवं स्थानीय लोगों के विकास के लिए भी योगदान देने का हम प्रयास करेंगे।
बैठक में आयुक्त मनोज जयसवाल, उपायुक्त हिमांशु मोहन, वन प्रमंडल पदाधिकारी रोशन कुमार, अपर समाहर्ता आलोक शिकारी कच्छप, आयुक्त के सचिव मतियस विजय टोप्पो, लातेहार के अनुमंडल पदाधिकारी शेखर कुमार, बालूमाथ के अंचल अधिकारी आफ़ताब आलम, बारियातू के अंचल अधिकारी प्रतिमा कुमारी, सीसीएल के महाप्रबंधक, सीसीएल के एडवाईजर रामकुमार सिन्हा, उदय प्रताप सिंह आदि उपस्थित थे।