LPG गैस सिलेंडर के बाद अब पेट्रोल-डीजल को लेकर मोदी सरकार का बड़ा फैसला

नई दिल्ली देश
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नई दिल्ली। महंगाई की मार झेल रही देश की जनता को मोदी सरकार LPG गैस सिलेंडर के बाद एक और बड़ा तोहफा देने की तैयारी में है। बीते दिनों रसोई गैस की कीमतों में कटौती की है।  

कुछ प्रमुख त्योहारों और प्रमुख चुनावों से पहले पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी की ओर ध्यान केंद्रित हो सकता है। अब महंगाई को और कम करने और पेट्रोल और डीजल के दाम को कटौती होने की संभावना है। इसके दो जगहों से संकेत मिल रहे हैं।

पहला संकेत केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के एक इंटरव्यू ने दिया है। वहीं दूसरा संकेत ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों की कटौती के संकेत मिले हैं। बता दें कि कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के बाद भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों में राहत नहीं दी गई। मई 2022 के बाद से देश में फ्यूल की कीमत में कोई बदलाव नहीं किया गया है।


हाल ही में केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एक इंटरव्यू संकेत दिया है आने वाले दिनों महंगाई से जूझ रही जनता को बड़ी राहत मिलने वाली है। हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि केंद्र सरकार राज्य सरकारों को फ्यूल की कीमतें कम करने के प्रयास में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।

पेट्रोल और डीजल की कीमतों को कम करने के लिए तैयारी शुरू हो गई है। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने 4 नवंबर, 2021 में टैक्स को कम करते हुए पेट्रोल पर 5 रुपए और डीजल की कीमत में कटौती की थी। इसके बाद 22 मई, 2022 को सरकार ने फिर टैक्स को कम किया और पेट्रोल पर 8 रुपये और डीजल पर 6 रुपये प्रति लीटर की राहत दी।

राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ सहित पांच राज्यों में इस साल की आखिरी तिमाही में चुनाव होने वाले हैं। इसके बाद 2024 की शुरुआत में आम चुनाव होंगे। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने तीसरे टर्म को लेकर पूरी कोशिश में लगे हुए है।

इसको लेकर अर्थशास्त्रियों ने कहा कि महंगाई को कंट्रोल करने और रूरल इनकम को सपोर्ट करने के लिए और अधिक राजकोषीय उपायों पर चर्चा हो सकती है। माना जा रहा है चुनाव नजदीक आने पर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती की जाएगी।

यहां बता दें कि भारत सरकार ने मंगलवार को 14.2 किलोग्राम गैस वाले एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में 200 रुपए की कमी की है। इससे लगभग 300 मिलियन उपभोक्ताओं को राहत मिली। खाद्य पदार्थों की कीमतें कम करने और घरेलू बजट को नियंत्रण में रखने के लिए भारत ने पहले ही चावल, गेहूं और प्याज जैसे मुख्य खाद्य पदार्थों के निर्यात को सख्त कर दिया है।

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