- झारखंड राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की 29वीं बैठक में उन्हें रिहा करने पर सहमति बनी
रांची। आजीवन सजा काट रहे 28 कैदी खुली हवा में सांस लेंगे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में 24 अगस्त को झारखंड मंत्रालय में हुई झारखंड राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की 29वीं बैठक में उन्हें रिहा करने पर सहमति बनी। मौके पर राज्य के विभिन्न कारागारों में आजीवन सजा काट रहे 41 कैदियों के रिहाई से संबंधित समीक्षा की गई। इसमें 28 कैदियों को रिहा करने पर सहमति बनी।
समीक्षा के क्रम में अदालतों, संबंधित जिलों के पुलिस अधीक्षक, जेल अधीक्षक और प्रोबेशन पदाधिकारी के मंतव्य पर गहन विचार-विमर्श के उपरान्त राज्य के विभिन्न जेलों में आजीवन सजा काट रहे 28 कैदियों को रिहा करने पर स्वीकृति दी गई।
सामाजिक पुनर्वास हो, यह सुनिश्चित करें
बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि झारखंड राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की बैठक में जिन कैदियों की रिहाई सुनिश्चित की गई है उनका सामाजिक पुनर्वास आवश्यक है। संबंधित विभाग के अधिकारी एक बेहतर कार्य योजना बनाकर इन कैदियों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का काम करें। जेल से रिहा होने के बाद ऐसे कैदियों की गतिविधियों की निरंतर ट्रैकिंग और मॉनिटरिंग की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
कैदियों की काउंसलिंग भी की जाए
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निदेशित किया कि समय-समय पर इन कैदियों की काउंसलिंग भी की जाए। जेल से निकलने के बाद इन कैदियों के जीवनयापन में सामाजिक रूप से कोई बाधा नहीं पहुंचे। आर्थिक समस्या उत्पन्न नहीं हो, इस निमित्त इन्हें स्वरोजगार से जोड़ने का कार्य भी आवश्यक रूप से की जाए।
ये अधिकारी भी थे मौजूद
बैठक में अपर मुख्य सचिव गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग अविनाश कुमार, पुलिस महानिदेशक अजय कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्रीमती वंदना दादेल, प्रधान सचिव-सह-विधि परामर्शी विधि (न्याय) विभाग नलिन कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, न्यायायिक आयुक्त अरुण कुमार राय, कारा महानिरीक्षक उमा शंकर सिंह सहित अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।
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