रांची। झारखंड में हेमंत सरकार प्रतियोगिता परीक्षा में नकल की रोकथाम के लिए कड़ा कानून बना रही है। इसके तहत प्रश्नपत्र लीक करने में पकड़े जाने पर ना केवल दस साल तक की सजा होगी, बल्कि एक करोड़ तक का जुर्माना भी भरना पड़ सकता है।
इसके अलावे परीक्षाओं में नकल करने का दोषी पाए जाने पर संबंधित विद्यार्थी को तीन वर्ष तक की सजा और एक लाख रुपये का अर्थदंड के साथ अगले दो साल तक परीक्षाओं में शामिल होने पर प्रतिबंध का प्रावधान भी किया जा रहा है।
झारखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) अधिनियम, 2023 के नाम से जाना जाने वाले इस बिल पर कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है। इसे विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान ही सदन में पेश करने की तैयारी है।
संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने परीक्षा माफियाओं पर अंकुश लगाने के लिए सरकार द्वारा उठाये जा रहे इस कदम की सराहना करते हुए कहा है कि झारखंड देश के लिए रोल मॉडल साबित होगा।
प्रतियोगिता परीक्षा के दौरान नकल करते या प्रश्नपत्र लीक करते पकड़े जाने पर फौरन विद्यार्थी या नकल माफियाओं को जेल जाना पड़ेगा। न्यायालय के आदेश पर आगे की कार्रवाई होगी। इस धंधे में शामिल माफियाओं पर अंकुश लगाने के लिए सरकार यह कड़ा कानून ला रही है।
वर्तमान समय में झारखंड एग्जाम कंडक्ट रूल 2001 प्रभावी है, जिसमें पेपर लीक और परीक्षाओं में नकल के लिए अधिकतम छह महीने की सजा और 3000 रुपये तक का जुर्माना निर्धारित है।
इसमें बदलाव करते हुए हेमंत सरकार नये सिरे से कानून बनाने जा रही है। विधानसभा से पास होने के बाद इस बिल को राजभवन भेजा जायेगा, जहां से राज्यपाल की सहमति मिलते ही यह कानून बन जायेगा।