नियोजन नीति पर राज्‍यपाल से मिलेंगे अंतरराष्ट्रीय मैथिली परिषद के सदस्‍य

झारखंड
Spread the love

रांची। अंतरराष्ट्रीय मैथिली परिषद (झारखंड प्रदेश) की कोर कमेटी की वर्चुअल बैठक 5 जून को हुई। इसकी अध्‍यक्षता परिषद के अध्यक्ष अमरनाथ झा ने की। इसमें अष्टम अनुसूची और राज्य की द्वितीय राज्य भाषा की सूची में शामिल मैथिली भाषा को राज्य की अन्य भाषा की तरह नियोजन नीति में स्थान नहीं मिलने पर विचार किया गया। निर्णय लिया गया कि विगत वर्षों से राज्य भर से जमा हस्ताक्षर युक्त प्रपत्र के साथ एक प्रतिनिधि मंडल राज्यपाल से मिलकर अपनी बात रखेगा।

परिषद के महासचिव ने एक आग्रह पत्र राज्‍यपाल के प्रधान सचिव को देकर प्रतिनिधिमंडल को मिलने के लिए समय की मांग की है। परिषद के सदस्‍यों ने कहा कि वर्ष 2018 में राज्य सरकार ने 18 भाषाओं को राज्य की द्वितीय भाषा की दर्जा दिया था। हालांकि नियोजन नीति-2023 में क्षेत्रीय भाषा के रूप में अति प्राचीन भाषा मैथिली को स्थान नहीं मिलने से यहां रह रहे लाखों परिवार आक्रोशित हैं।

बैठक में यह भी निर्णय हुआ कि अपनी मांगों के लिए एक क्रमबद्ध आंदोलन की रूपरेखा बनाई जायेगी। बैठक में परिषद के संस्थापक डॉ धनाकर ठाकुर, संरक्षक पूर्व मंत्री राज पलिवार उपाध्यक्ष ओमप्रकाश मिश्र, महासचिव अजय झा, प्रदेश सचिव पंकज झा एवं कोषाध्यक्ष विलट पोद्दार भी शामिल थे।