JHARKHAND: हाईकोर्ट ने रांची हिंसा मामले में हेमंत सरकार से मांगा स्टेटस रिपोर्ट

झारखंड
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रांची। बुधवार को झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने वर्चुअल मोड में रांची में 10 जून को हुई हिंसा के मामले पर हेमंत सरकार को स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। खंडपीठ ने मामले में हस्तक्षेपकर्ता और याचिकाकर्ता की ओर से उठाए गए सवालों पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।

घटना में मृतक दो युवकों के पिता ने हस्तक्षेप याचिका दाखिल की है। उनकी ओर से अधिवक्ता मुख्तार खान ने कोर्ट से आग्रह किया कि मामले की जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाए। क्योंकि, इस मामले में पुलिस ने ही भीड़ पर गोली चलाई थी, जिससे दो युवकों की मौत हो गयी थी।

इसलिए पुलिस की जांच निष्पक्ष नहीं हो सकती है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने पैरवी की। मामले की अगली सुनवाई 12 जुलाई को होगी।

रांची हिंसा मामले में दायर पंकज कुमार यादव की जनहित याचिका में हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के महासचिव यास्मीन फारूकी समेत रांची उपायुक्त, एसएसपी, मुख्य सचिव, एनआईए, ईडी को प्रतिवादी बनाया गया है।

अदालत से मामले की एनआईए जांच कराकर झारखंड संपत्ति विनाश और क्षति निवारण विधेयक 2016 के अनुसार आरोपितों के घर को तोड़ने का आदेश देने का आग्रह किया गया है। याचिका में रांची की घटना को प्रायोजित बताते हुए एनआईए से जांच करके यह पता लगाने का आग्रह किया है कि किस संगठन ने फंडिंग कर घटना को अंजाम दिया।