रांची। शुक्रवार को आईएएस राजीव अरुण एक्का के वायरल वीडियो की जांच कर रहे एक सदस्यीय जांच आयोग ने भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी और मुख्यमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव आईएएस अधिकारी राजीव अरुण एक्का को नोटिस भेजा है।
भेजे गए नोटिस में बाबूलाल से कहा गया है कि उनके पास वीडियो से संबंधित जो भी साक्ष्य हैं, वो जांच आयोग को उपलब्ध कराएं। साथ ही आईएएस अधिकारी राजीव अरुण एक्का से कहा गया है कि वायरल वीडियो के बारे में वो जो भी जानते हैं, उसे आयोग के सामने 15 जून तक रखें।
बाबूलाल मरांडी ने ही पत्रकार वार्ता कर पत्रकारों को यह वीडियो दिखाया और उपलब्ध कराया था। इसके बाद आईएएस अधिकारी राजीव अरुण एक्का के खिलाफ सरकार ने कार्रवाई करते हुए उन्हें सीएम के प्रधान सचिव और गृह सचिव के पद से हटा दिया था।
एक सदस्यीय आयोग बनाने की सूचना कार्मिक विभाग की तरफ से पिछले महीने जारी की गयी थी, लेकिन जांच किसके खिलाफ करनी है, वो अधिसूचना में लिखा हुआ ही नहीं था।
जारी अधिसूचना में लिखा था कि एक छोटा सा वीडियो क्लिप में महत्वपूर्ण पदों पर आसीन एक लोक सेवक द्वारा तथाकथित अधिकारी पद के दुरुपयोग से संबंध आरोप एवं इसे जुड़े सभी मामलों की जांच के लिए झारखंड सरकार के आदेश से माननीय मुख्य न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) विनोद कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में एक सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया गया है।
बता दें कि मुख्यमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव और गृह विभाग के पूर्व सचिव रहे आईएएस अधिकारी राजीव अरुण एक्का का एक वीडियो अप्रैल महीने में वायरल हुआ था। वायरल वीडियो पावर ब्रोकर विशाल चौधरी के अशोक नगर स्थित आवास का बताया जा रहा था। इस आवास पर ईडी छापेमारी भी कर चुका है।
आईएएस राजीव अरुण एक्का उस वीडियो में सरकारी फाइल निपटाते नजर आए थे। वहीं आईएएस अधिकारी के बगल में एक महिला दिखायी दे रही थी, जिसे पावर ब्रोकर विशाल चौधरी का स्टाफ बताया जा रहा था। वीडियो में विशाल चौधरी किसी से पैसे लेने की बात करता हुआ सुनाई दे रहा था।