रूस ने यूक्रेन पर पहली बार किया फॉस्फोरस बम से अटैक, जल उठा पूरा शहर, वीडियो में देखें खौफनाक मंजर

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यूक्रेन। बड़ी खबर यूक्रेन से आयी है। महायुद्ध के बीच रूस ने यूक्रेन पर अब तक का सबसे बड़ा हमला किया है। यूक्रेन ने रूस पर अपने शहर बखमुत पर फॉस्फोरस बम से हमला करने का आरोप लगाया है।

यूक्रेनी सेना द्वारा साझा किए एक ड्रोन फुटेज में देखा जा सकता है कि शहर के ऊपर फास्फोरस की बारिश हो रही है। पूरे शहर को आग में जलते हुए देखा जा सकता है।

आपको बता दें कि सफेद फास्फोरस हथियारों पर प्रतिबंध नहीं है, लेकिन नागरिक क्षेत्रों में इनका उपयोग युद्ध अपराध माना जाता है, क्योंकि ये तेजी से फैलते हैं और इन्हें बुझाना बहुत मुश्किल होता है। रूस पर पहले भी इनके इस्तेमाल के आरोप लगते रहे हैं।

एक साल से भी ज्यादा वक्त से रूस और यूक्रेन के बीच महायुद्ध चल रहा है। लाखों लाशों और अरबों की संपदा बर्बाद होने के बावजूद फैसला आना बाकी है। इस बीच संदिग्ध रणनीतिक महत्व के बावजूद रूस महीनों से यूक्रेन के बखमुत शहर पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है।

पश्चिमी अधिकारियों ने अनुमान लगाया है कि बखमुख शहर को पाने की चाह में रूस अपने हजारों सैनिकों की कुर्बानी दे चुका है। इस बीच रूस ने बखमुख शहर पर रूस ने फॉस्फोरस बम गिराए हैं। इस दृष्य को यूक्रेन रक्षा मंत्रालय ने अपने ट्विटर अकाउंट में पोस्ट किया है। 

ट्विटर पर लिखते हुए, यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि हमले ने “आग लगाने वाले गोला-बारूद के साथ बखमुत के निर्जन क्षेत्रों” को लक्षित किया। यह हमला कब हुआ है, इसकी स्पष्ट जानकारी, तो यूक्रेन ने नहीं दी लेकिन, वीडियो फुटेज से प्रतीत होता है कि रूस के फॉस्फोरस अटैक से बखमुत शहर की ऊंची इमारतें आग से जल रही हैं। 

युद्ध की शुरुआत में मारियुपोल की घेराबंदी के दौरान रूस पर यूक्रेन में सफेद फास्फोरस का उपयोग करने का आरोप लगाया गया है। हालांकि मास्को ने सार्वजनिक रूप से पदार्थ का उपयोग करने के लिए कभी स्वीकार नहीं किया है।

पिछले साल क्रेमलिन प्रेस सचिव दिमित्री पेस्कोव ने जोर देकर कहा कि “रूस ने कभी भी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों का उल्लंघन नहीं किया है” जबकि यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा कि इसका इस्तेमाल किया गया था।

सफेद फास्फोरस एक मोम जैसा पदार्थ है, जो 800 सेंटीग्रेट पर जलता है और ऑक्सीजन के संपर्क में आने पर और तेज हो जाता है। इससे धुएं के चमकीले गुच्छे बनते हैं। ह्यूमन राइट्स वॉच (एचआरडब्ल्यू) की साफ चेतावनी है कि इस रसायन से गंभीर नुकसान हो सकते हैं। यह बेहद चिपचिपा और बुझाने में बेहद कठिन है।