पीएम मोदी के रोड शो के खिलाफ जनहित याचिका खारिज, जानें कर्नाटक हाईकोर्ट ने क्या कहा

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कर्नाटक। शुक्रवार को कर्नाटक हाईकोर्ट ने 6 और 7 मई को बैंगलोर में आयोजित होने वाले पीएम के रोड शो के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने राज्य सरकार और पुलिस की ओर से दी गई दलीलों को सुना। जिनमें कहा गया था कि रैली अगर कल और परसों की जाती है, तो सभी एहतियाती कदम उठाए जाएंगे।

कोर्ट में दलील दी गई कि एंबुलेंस, स्कूल और कॉलेज बसों की आवाजाही, छात्रों और आम जनता के आने-जाने, आवश्यक आपूर्ति वाहनों की आवाजाही को ध्यान में रखते हुए एहतियाती उपाय किए जाएंगे।

कोर्ट में ये भी बताया गया कि रैली की अनुमति के लिए आवेदन पर विचार करने के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी की अध्यक्षता में पुलिस अधिकारियों और अन्य अधिकारियों की समिति गठित की जाती है। इसके बाद ही फैसला लिया जाता है। इन सभी दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि रैली पर पूर्ण प्रतिबंध की मांग नहीं मानी जा सकती है।

हाईकोर्ट ने कहा कि भारत में चुनाव को उत्सव जैसा माना जाता है। संसद के पहले आम चुनाव से लेकर चुनाव प्रक्रिया के दौरान और इसके बाद इस तरह की रैलियां होती रही हैं। राजनीतिक रैलियों में आम जनता के लिए चुनाव प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी जाती है।

हाईकोर्ट ने कहा कि 2013 में लिली थॉमस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि बड़े पैमाने पर जनता के लिए ज्ञान का प्रसार करने की आवश्यकता है, क्योंकि लोकतंत्र के लिए मतदाताओं द्वारा जानकारियों के चयन की आवश्यकता होती है। इन रैलियों के जरिए इस तरह की जानकारी लोगों तक पहुंचाई जाती हैं। 

आखिरी में कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि अगर कोई अप्रिय घटना होती है, तो आप आयोजकों को जिम्मेदार ठहराएं। हम रेगुलेटरी गाइडलाइंस वगैरह के नेचर के बारे में नहीं कह सकते, लेकिन कुछ निष्पक्षता तो दिखनी ही चाहिए। जनता को कुछ आश्वासन देना चाहिए। नागरिक उस आश्वासन की अपेक्षा करते हैं।