15 लाख के इनामी नक्‍सली इंदल गंझू का आत्‍मसमर्पण, झारखंड-बिहार में दर्ज हैं 145 मामले

झारखंड अपराध
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रांची। भाकपा माओवादी संगठन का रीजनल कमेटी सदस्‍य इंदल गंझू उर्फ ललन गंझू उर्फ उमा उर्फ बढ़न ने 4 मई को आत्‍मसमर्पण कर दिया। उसपर 15 लाख रुपये का इनाम घोषित था। प्रक्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक, कार्यालय परिसर में उसने झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ के पदाधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण किया। झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर उसने यह कदम उठाया।

उसे झारखंड के चतरा जिला के कौलेश्वरी सब जोन में आतंक का परिचायक मना जाता था। मूल रूप से बिहार के गया जिले के इमामगंज थाना के असरैन का रहने वाला इंदल गंझू भाकपा माओवादी का रीजनल कमेटी का सदस्य था। वह 15 लाख का इनामी नक्‍सली था। गंझू पर झारखंड और बिहार के विभिन्‍न थानों में 145 मामले दर्ज हैं।

कुख्यात नक्सली झारखंड के चतरा, हजारीबाग, पलामू और बिहार के गया एवं औरंगाबाद जिले के कई कांडों में वांछित था। भाकपा माओवादी संगठन के साथ पुलिस बलों की लगातार हो रही मुठभेड़ के वजह से उसने आत्‍मसमर्पण का निर्णय लिया।

पुलिस के मुताबिक वर्ष 2022 में 3 मुठभेड़ (29.07.2022, 18.09.2022 एवं 01.10.2022) हुए थे। वर्ष 2023 में अब तक 4 महीने में 4 मुठभेड़ (06.01.2023, 23.01.2023 28.01.2023 एवं 03.04.2023) हो चुके हैं|

पुलिस के अनुसार 28 जनवरी, 2023 को हुए मुठभेड़ में भाकपा माओवदी का दस्ता सदस्य राजेश बैगा उर्फ राजेश परहिया मारा गया था। इसी तरह 3 अप्रैल, 2023 को हुए मुठभेड में पुलिस बल को ऐतिहासिक सफलता मिली थी। इसमें 2 सैक सदस्य सहित 3 सब जोनल सदस्य (गौतम पासवान, अजीत उरांव उर्फ चार्लीस, अमर गंझू, अजय यादव उर्फ नंदु, संजीत भुईया) मार गिराए गए थे।

पुलिस के अनुसार भाकपा माओवादी नक्सलियों के विरूद्ध की जा रही चौतरफा कार्रवाई से मची माओवादी संगठन में भगदड़ मच गई है। उक्त कार्रवाई से दबिश में आकर गंझू ने आत्मसमर्पण किया है।

पुलिस ने कहा कि इसके आत्मसमर्पण से भाकपा माओवादी नक्सली संगठन को न सिर्फ बड़ा झटका लगा है, बल्कि मध्य जोन खासकर चतरा, पलामू सब- जोन एवं कौलेश्वरी सब जोन में संगठन काफी कमजोर होगा। इससे क्षेत्र में संगठन के टूटने के प्रबल संभावना है। भाकपा माओवादी के कई अन्य सदस्यों के दस्ता छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने क संभावना है।

पुलिस ने नक्सलियों को चेतावनी दी है कि वे हिंसावादी विचारधारा को छोड़कर आत्मसमर्पण करें। झारखंड सरकार की आत्मसर्पण एवं पुनार्वस नीति ‘नई दिशा’ का लाभ लेकर मुख्यधारा से जुड़े। अन्यथा की कड़ी कानूनी कार्रवाई करते हुए फरार नक्सलियों के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई की जायेगी।