BAU : अब तक 330 युवक-युवतियों को दिया गया कृत्रिम गर्भाधान का व्यावहारिक प्रशिक्षण

कृषि झारखंड
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  • झारखंड के नौवें मैत्री प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन

रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (BAU) के पशुचिकित्सा विज्ञान एवं पशुपालन महाविद्यालय में आयोजित 30 दिवसीय नौवां मैत्री प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन मंगलवार को हुआ। इस कार्यक्रम में राज्य के साहिबगंज, धनबाद, गिरिडीह, गोड्डा, जामताड़ा, गुमला, लोहरदगा, हजारीबाग एवं रांची जिले के 30 प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया।

समापन समारोह के मौके पर बतौर मुख्य अतिथि अधिष्ठाता (वेटनरी) डॉ सुशील प्रसाद ने बताया कि पशुधन विकास की दिशा में केंद्र एवं राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रहे हैं। राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के अधीन राज्य में नौवां मैत्री प्रशिक्षण कार्यक्रम का आज सफल समापन हो रहा है।

अबतक 330 शिक्षित एवं बेरोजगार युवकों-युवतियों को कृत्रिम गर्भाधान का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षणार्थियों की दक्षता एवं कार्य कौशल पर ही ग्रामीण स्तर पर कृत्रिम गर्भाधान द्वारा दुधारू पशुओं का नस्ल सुधार एवं राज्य में पशुधन विकास कार्यक्रम की सफलता टिकी है।

मौके पर डॉ प्रसाद ने प्रशिक्षणार्थियों से प्रशिक्षण कार्यक्रम से मिली जानकारी को जाना। प्रशिक्षणार्थियों को दक्षता एवं कार्य कौशल से कृत्रिम गर्भाधान को ग्रामीण स्तर पर आगे बढ़ाने और राज्य हित में पशु धन विकास में बढ़-चढ़कर भाग लेने पर बल दिया। सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र प्रदान किया।

प्रशिक्षण प्रभारी डॉ आलोक कुमार पांडेय ने बताया कि इस प्रशिक्षण के बाद सभी अपने सबंधित जिले के कृत्रिम गर्भाधान केन्द्रों में साठ दिनों का व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। तीस दिवसीय प्रशिक्षण के पूर्ण होने के बाद कृत्रिम गर्भाधान के लिए आवश्यक उपकरण आदि राज्य सरकार द्वारा राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के अधीन उपलब्ध कराए जाएंगे।

डॉ पांडेय ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान कृत्रिम गर्भाधान, दुधारू पशु नस्ल सुधार, टीकाकरण, पशु आहार, राशन बैलेंसिंग, पशु स्वास्थ्य और आवास आदि सबंधी व्यावहारिक जानकारियां प्रशिक्षणार्थियों को दी गई है। मौके पर डॉ पंकज कुमार एवं डॉ अमित कुमार झा भी मौजूद थे।