CIP में बनेगा न्यूरोसर्जरी सुविधायुक्‍त 500 बेड का भवन और ओपीडी

सेहत झारखंड
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  • स्‍थापना दिवस समारोह में निदेशक ने की घोषणा

रांची। केंद्रीय मनश्चिकित्सा संस्थान (CIP) ने अपना ‘106वां स्थापना दिवस’ ​​मनाया। इस अवसर पर 17 मई को आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रांची विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ अजीत कुमार सिन्हा और विशिष्ट अतिथि रांची आईआईएम के प्रोफेसर (डॉ) दीपक श्रीवास्तव थे।

अतिथियों का स्‍वागत करते हुए सीआईपी के निदेशक प्रोफेसर (डॉ) बासुदेब दास ने संस्‍थान की विरासत और हासिल की गई उपलब्धियों और भविष्य में हासिल किए जाने वाले लक्ष्यों के बारे में बात की। उन्होंने 500 बिस्तरों वाले न्यूरोसर्जरी सुविधाओं वाले एक नए ओपीडी भवन की भी घोषणा की।

प्रोफेसर (डॉ) दीपक श्रीवास्तव ने मानसिक और सामाजिक कल्याण के लिए प्रबंधन और एक समग्र दृष्टिकोण पर चर्चा की।

मुख्य अतिथि डॉ अजीत कुमार सिन्हा ने वैश्वीकरण के कारण छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य में बदलते रुझान पर जोर दिया। छात्रों के सामने आने वाली विभिन्न चुनौतियों और इन चुनौतियों से निपटने के महत्व पर चर्चा की।

मंच पर उपस्थित सीआईपी के पूर्व निदेशक डॉ डी राम, सीआईपी के प्रशासनिक अधिकारी डॉ अविनाश शर्मा, सीआईपी के पूर्व छात्र अध्‍यक्ष डॉ दीपांजन भट्टाचाजी और सीआईपी की मैट्रन श्रीमती सवर्णबाला सोरन थे। उन्होंने सीआईपी बुलेटिन 2023 और पूर्व छात्र न्यूजलेटर 2023 जारी किया।

सीआईपी के छात्रों और स्टाफ सदस्यों को विभिन्न पुरस्कार दिए गए। धन्यवाद डॉ अविनाश शर्मा ने किया।

कार्यक्रम में ‘जी20 नेतृत्व के माध्यम से वैश्वीकरण और मानसिक स्वास्थ्य मार्चिंग’ विषय पर एक सीएमई का आयोजन किया गया था। इसमें डॉ संजय कुमार मुंडा ने ‘वैश्वीकरण के युग में सीमांत समुदायों के मानसिक स्वास्थ्य’ विषय अपनी बात रखी। उन्‍होंने हाशिए पर पड़े लोगों के सामने आने वाली विभिन्न चुनौतियों पर चर्चा की।

डॉ निखिल नायर ने ‘एलजीबीटीक्यू और मानसिक स्वास्थ्य पर वैश्विक से स्थानीय स्तर पर बातचीत’ की। उन्होंने इस समुदाय के सामने आने वाली चुनौतियों का पता लगाया और बताया कि कैसे उन्हें समाज की मुख्यधारा का हिस्सा बनने में मदद की जा सकती है।

डॉ मालविका पारिख ने ‘मां-बच्चे के मानसिक कल्याण में वैश्विक रुझान: क्या भारत तैयार है?’ विषय पर बात की। उन्होंने आधुनिक भारत में मातृत्व के विभिन्न बदलते परिदृश्यों पर जोर दिया। डॉ पूजा शर्मा और डॉ चंद्रमौली रॉय ने ‘एंडॉक्सिफेन : फ्रॉम कोर्टेक्स टू क्लिनिक’ विषय पर बात की। इस सत्र की अध्यक्षता डॉ. बी दास और डॉ निशांत गोयल ने की।