उत्तर प्रदेश। शर्मनाक घटना उत्तर प्रदेश के झांसी के वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन से आयी है। यहां रविवार की शाम को आर्मी के जवानों पर दो महिलाओं ने रेप का आरोप लगाया। महिलाओं ने बताया कि वह अपने रिश्तेदारों से मुलाकात के लिए रेलवे स्टेशन पर गई थीं।
यहां पर जवान ने पहले उनसे बात करने के बहाने से मोबाइल नंबर मांगा और उसके बाद उन्हें स्टेशन के अंदर प्लेटफार्म 7 पर खड़े कोच में लेकर गया। कोच में पहले से ही 2 जवान मौजूद थे और वहीं पर तीन में से दो जवानों ने इस वारदात को अंजाम दिया। इस बीच उनका मोबाइल भी छीन लिया गया।
इस मामले में महिला की शिकायत पर केस दर्ज कर लिया गया है। वहीं घटना के बाद जीआरपी के सीओ मोहम्मद नईम मंसूरी ने जानकारी दी कि 2 जवानों की गिरफ्तारी कर ली गई है। वहीं इस बीच फरार चल रहे तीसरे आरोपी की तलाश में पुलिस की टीम लगी हुई है।
इन तीनों के खिलाफ जीआरपी थाने में ही केस दर्ज किया गया है। जिन तीन जवानों का नाम इस मामले में सामने आया है, उसमें दो जवान बिहार के रहने वाले हैं, जबकि एक उत्तराखंड का रहने वाला है। पीड़ित महिलाओं की ओर से घटना को लेकर जानकारी देते हुए बताया गया कि वह दोनों ही दोस्त हैं। एक रिश्तेदार से मुलाकात को लेकर वह दोनों स्टेशन पर गई थीं।
महिलाओं ने बताया कि प्लेटफार्म पर उन्हें एक युवक मिला और उसने अपना मोबाइल खो जाने की बात कहते हुए उनसे फोन मांगा। इसके बाद वह फोन पर बात करते हुए स्टेशन के अंदर जा पहुंचा। महिलाएं भी उसके पीछे-पीछे प्लेटफार्म नंबर-7 पर पहुंच गईं। युवक महिलाओं को एक कोच में ले गया, जहां पहले ही दो युवक मौजूद थे। वह दोनों ट्रेन के अंदर ही मीट बना रहे थे और शराब पी रहे थे। इसी बीच उनके द्वारा महिलाओं से रेप किया गया। वह आर्मी के जवान थे।
इस घटना को अंजाम देने के बाद महिलाओं को धमकी भी दी गई। महिला ने बताया कि जब आर्मी के जवान ने रेप का प्रयास किया, तो महिला रोने-चिल्लाने लगी। इस पर जवानों ने धमकी दी कि हम सेना में हैं। तुम कुछ नहीं कर पाओगी। इसके बाद रेप की वारदात को अंजाम देकर महिलाओं को नीचे उतार दिया गया। इसके बाद महिलाओं ने दूसरे युवक से फोन मांगकर इस घटना की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने मौके से दो जवानों को पकड़ लिया, जबकि एक जवान मौके से फरार हो गया।
इस घटना के बाद आर्मी के अधिकारियों ने भी महिलाओं से बातचीत कर मामले की जानकारी की। पड़ताल में पता लगा कि ट्रेन दो दिन पूर्व झांसी आई थी। यहां सेना के सामान को लादकर 7 दिन बाद मालगाड़ी को रवाना होना था। इसी के चलते मालगाड़ी में जवानों की ड्यूटी लगाई गई थी। मालगाड़ी में लगे एक डिब्बे में ही जवान खाना बना रहे थे। इसी डिब्बे में इस वारदात को अंजाम दिया गया।