
मध्य प्रदेश। बेहद हैरान कर देने वाली खबर मध्य प्रदेश के डिंडौरी जिले से आई है। यहां मीडिया में खबरें चल रही हैं कि सामूहिक विवाह समारोह में शादी से पहले करीब 200 से ज्यादा लड़कियों की प्रेग्रेंसी टेस्ट करायी गयी है। चौंकाने वाली बात यह है कि यह विवाह समारोह मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत आयोजित था।
हालांकि आपका अपना न्यूज पोर्टल दैनिक भारत 24.कॉम इसकी पुष्टि नहीं करता है। अब मामला आने के बाद कांग्रेस शिवराज सरकार पर हमलावर हो गई। पूर्व सीएम कमलनाथ ने इसको लेकर बीजेपी पर तगड़ा हमला बोला है।
दरअसल, मीडिया में खबरें सामने आने के बाद पूर्व सीएम कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए कहा-मैं मुख्यमंत्री से जानना चाहता हूं कि क्या यह समाचार सत्य है? यदि यह समाचार सत्य है, तो मध्यप्रदेश की बेटियों का ऐसा घोर अपमान किसके आदेश पर किया गया? क्या मुख्यमंत्री की निगाह में गरीब और आदिवासी समुदाय की बेटियों की कोई मान मर्यादा नहीं है?
वहीं इस पूरे मामले पर डिंडौरी से स्थानीय कांग्रेस विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमकार मरकाम ने आपत्ति जताते हुए प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार गरीब बेटियों का इस तरह से अपमान नहीं कर सकती है। मैं जानना चाहता हूं कि शिवराज सरकार में ऐसा घिनौना काम करने का आदेश किसके कहने पर हुआ है।
आपको बता दें कि यह पूरा मामला डिंडौरी जिले के गाड़ासरई कस्बे से सामने आया है। जहां जिला प्रशासन की ओर से मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत 219 जोड़ों का विवाह कराया गया है।
इसी दौरान विवाह करने के लिए पहुंची एक महिला ने आरोप लगाया है कि उसने मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में विवाह कराने के लिए एक फॉर्म भरा था। मुझे विवाह से पहले यहां के स्वास्थ्य कर्मियों ने बुलाया और मेडिकल टेस्ट करायी। इस दौरान मेरी प्रेग्रेंसी टेस्ट भी हुई है। जब मेरी रिपोर्ट पॉजिटिव आई, तो मेरा नाम विवाह की लिस्ट से हटा दिया। महिला ने बताया कि ऐसा कई लड़कियों के साथ हुआ है, जिनका विवाह कैंसिल हुआ है।
हालांकि अभी तक इस मामले को लेकर बीजेपी के किसी बड़े नेता का बयान सामने नहीं आया है। लेकिन डिंडौरी के स्थानीय नेता और जिला अध्यक्ष अवधराज बिलैया का बयान सामने आया है। उन्होंने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि विपक्ष यह सब राजनीति के फायदा के लिए यह झूठे आरोप लगा रहा है।
ओमकार मरकाम इसी तरह की गंदी राजनीति करते हैं। किसी भी लड़की का कोई प्रेग्रेंसी टेस्ट नहीं करायी गयी है। डॉक्टरों की सलाह के अनुसार बीमारी की वजह से सिंपल मेडिकल टेस्ट करायी गयी है। क्योंकि इससे पहले भी जो सामूहिक विवाह हुए थे, तो शादी के बाद कई लड़कियों में गंभीर बीमारी पाई गई थी। बस इसी के लिए यह टेस्ट कराई थी, ताकि बीमारी का पता लग सके।