मोर्चा ने शिक्षकों के अंतर जिला स्थानांतरण की पहल की, अन्‍य संगठनों ने सराहा

झारखंड
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देवघर। झारखंड प्रदेश संयुक्त शिक्षक मोर्चा ने अंतर जिला स्थानांतरण की पहल की है। इसकी सराहना शिक्षकों के अंतर जिला स्थानांतरण को लेकर लगातार प्रयासरत एकीकृत गृह जिला स्थानांतरण शिक्षक संघ के प्रदेश प्रभारी दिलीप कुमार राय ने की। मोर्चा के संयोजक विजय बहादुर सिंह, अमीन अहमद एवं प्रवक्ता अरुण कुमार दास समेत अन्य को बधाई दी।

राय ने कहा कि वर्षों से अंतर जिला स्थानांतरण होते रहे हैं, लेकिन शिक्षक स्थानांतरण नियमावली में संशोधन कर इसे जटिल बना दिया गया है। पिछले कई वर्षों से अंतर जिला स्थानांतरण रूका हुआ है। यह दुर्भाग्य है कि जो स्थानांतरण पहले आसानी से होता था, आज उसके लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ रहा है।

राज्य के शिक्षकों को गृह जिला की सुविधा पूर्व के स्थापित नियमों के आधार पर  शिक्षा एवं शिक्षकों के हित में किया जाना चाहिए। वर्तमान शिक्षक स्थानांतरण नियमावली-2022 में पूर्व की भांति शिक्षकों को पूरे सेवा काल में एक बार गृह जिला स्थानांतरण कि सुविधा को समाप्त कर दिया गया है। इस कारण शिक्षक-शिक्षिकाओं को भारी परेशानी का सामना  करना पड़ रहा है। इसका सीधा असर झारखंड की शिक्षा व्यवस्था पर पड़ रहा है।

संघ के प्रदेश प्रभारी ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए शिक्षकों की पदस्थापना गृह जिले में सुविधाजनक विद्यालय में होना जरूरी है। इससे शिक्षक तनावमुक्त होकर पढ़ाने का काम कर सकेंगे। वर्तमान शिक्षक स्थानांतरण नियमावली में साजिश पूर्वक सेवाकाल में एक बार अंतर जिला स्थानांतरण की सुविधा को विलोपित कर दिया गया है। इससे राज्य के हजारों शिक्षक-शिक्षिकाएं हतोत्साहित हैं।

राय ने कहा कि शिक्षा के प्रति दूरगामी सोच रखने वाले दिवंगत शिक्षा मंत्री स्व. जगरनाथ महतो ने शिक्षकों की मांग पर 5 सितंबर, 2020 को शिक्षा सचिव को शिक्षक स्थानांतरण नियमावली में संशोधन के लिए कुछ सुझाव दिए थे। दुर्भाग्यवश उक्त सुझावों को पदाधिकारियों द्वारा नजरअंदाज करते हुए शिक्षक स्थानांतरण नियमावली संशोधित किया गया, जिससे सामान्य परिस्थितियों में शिक्षकों का स्थानांतरण ही नहीं हो पाएगा।

शिक्षक स्थानांतरण नियमावली में संशोधन के लिए राज्य के तमाम शिक्षक संगठनों से सुझाव भी मांगा गया, लेकिन एक भी सुझावों को नियमावली में शामिल नहीं किया गया।

दिलीप ने कहा कि झारखंड प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति नियमावली-2012 के अनुरूप शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया के लिए सभी जिलों को एकसाथ एक ही तिथि में काउंसलिंग कराए जाने के प्रावधान के विपरित जिला स्तर पर अलग अलग तिथियों में काउंसलिंग करने और काउंसलिंग के बाद सर्टिफिकेट जब्त करने के कारण यह अव्यवस्था उत्पन्न हुई। काउंसलिंग में अपने जिले में नाम आने के बाद भी अभ्यर्थी अपने जिले में शामिल नहीं हो पाए।

प्रदेश प्रभारी ने कहा कि शिक्षक स्थानांतरण नियमावली 2022 में आवश्यक संशोधन करते हुए अथवा बाधक नियमों को शिथिल करते हुए सभी जरूरतमंद शिक्षक-शिक्षिकाओं को पूरे सेवाकाल में एक बार अंतर जिला स्थानांतरण का अवसर दिया जाए। पारस्परिक स्थानांतरण को भी सरल बनाने की जरूरत है।