पशुओं के बिना मानव जीवन कठिन एवं अधूरा : विजय शंकर दुबे

झारखंड
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  • बीएयू में विश्व पशु चिकित्सा दिवस मनाया गया

रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के रांची वेटनरी कॉलेज में विश्व पशु चिकित्सा दिवस 29 अप्रैल को मनाया गया। समारोह का उद्घाटन मुख्य अतिथि डिप्टी कांसेर्वटर ऑफ फारेस्ट डॉ विजय शंकर दुबे ने किया। उन्‍होंने कहा कि विश्व में पशुओं के बिना मानव जीवन कठिन एवं अधूरा है। पूरे विश्व में पशुधन जीविकोपार्जन एवं आजीविका बेहतर विकल्प एवं साधन है। बेजुबान पशुओं की चिकित्सा एवं सेवा बेहद कठिन एवं विषम कार्य है। पशुओं की बेहतर चिकित्सा, सेवा एवं सुरक्षा मानव हित में जरूरी है। सरकार द्वारा पशु चिकित्सक और पशुचिकित्सा वैज्ञानिकों को पूर्ण सम्मान और सुरक्षा देने की आवश्यकता है।

विजय शंकर दुबे ने कहा कि विश्व में 80 प्रतिशत से अधिक महामारी, वायरस संक्रामक रोग वन जीवों से होती है, लेकिन इस विषय पर पशुचिकित्सा संस्थानों में शिक्षण एवं शोध कार्य का नितांत आभाव है। इसलिए ऐसे संस्थानों में वनजीव शोध एवं चिकित्सा केंद्र अविलंब खोले जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पृथ्वी में पक्षी, पतंगा, मधुमख्खी, केंचुआ आदि का सर्वाधिक महत्‍व है। पेस्टीसाइड्स के उपयोग से सभी विलुप्त हो रहे हैं, जो मानव जीवन के लिए एक बड़ा खतरा है। इनके सुरक्षा एवं संरक्षण पर रणनीतिकार एवं वैज्ञानिकों को ध्यान देना होगा।

विशिष्ट अतिथि संयुक्त निदेशक (पशुपालन) डॉ मनोज कुमार ने पशु चिकित्सा सेवा में पशुओं के प्रति दया, सेवा एवं सुरक्षा को मुख्य ध्येय एवं सर्वोपरि बताया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पशुधन विकास की दिशा संकल्पित है। जल्द ही पशु चिकित्सा कार्य के लिए मोबाइल वेटनरी यूनिट उपलब्ध होगी।

पूर्व वेटनरी प्राध्यापक डॉ सीएसपी सिंह ने पशु चिकित्सा विज्ञान एवं पशुपालन क्षेत्र में भावी संभावनाओं पर प्रकाश डाला। पूर्व निदेशक अनुसंधान डॉ डीके सिंह द्रोण ने बदलते वैश्विक परिदृश्य में पशुचिकित्सा शिक्षा, शोध एवं प्रसार विषयों की आवश्यकता पर चर्चा की। निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ जगरनाथ उरांव ने ग्रामीण क्षेत्रों में पशु चिकित्सा कार्यक्रम को सशक्त करने पर बल दिया।

मौके पर आयोजित क्विज प्रतियोगिता में संजीत, अंशुल व निहाल की टीम को प्रथम, विंकल, अंशिका व योगेन्द्र की टीम को द्वितीय और अमन, अम्बिका व मनोज की टीम को तृतीय पुरुस्कार से सम्मानित किया गया। भाषण कला में विंकल को प्रथम, प्रसंजित को द्वितीय और श्रद्धा को तृतीय पुरस्कार मिला। पोस्टर निर्माण स्पर्धा में तान्या को प्रथम, नमिता को द्वितीय और नम्रता को तृतीय पुरस्कार दिया गया।

स्वागत करते हुए में डीन वेटनरी डॉ सुशील प्रसाद ने पशु चिकित्सा पेशे में पशुओं की बेहतर जांच एवं सेवा भाव के महत्‍व पर जोर दिया। उन्होंने पर्यावरण की सुरक्षा एवं इसे टिकाऊ बनाये रखने के लिए समूह, समाज एवं विश्व में पशुओं का संरक्षण और उनके साथ दया एवं सेवा भाव की जरूरत बताया। कार्यक्रम का संचालन डॉ सुरेश मेहता एवं धन्यवाद डॉ एके पांडे ने दी।

मौके पर पशुधन शोध केंद्र, कांके के निदेशक डॉ बिपिन बिहारी महथा, झारखंड वेटनरी एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ सैमसंग टोप्पो, डॉ अंसार अहमद, डॉ राजू प्रसाद, डॉ प्रवीण कुमार सहित भारी संख्या में महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं भी मौजूद थे।