
रांची। सीएमपीडीआई के ‘कांफ्रेस हॉल’ में भारतीय संविधान के निर्माता बाबा साहेब डॉ भीमराव रामजी अम्बेदकर की 132वीं जयंती मनाई गई। इस अवसर पर सीएमपीडीआई के निदेशक (तकनीकी/सीआरडी) एसके गोमास्ता, महाप्रबंधक व विभागाध्य, कर्मियों, श्रमिक संघ के प्रतिनिधियों ने बाबा साहेब की तस्वीर पर माल्यार्पण और पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके योगदान को याद किया।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि झारखंड उच्च न्यायालय के अधिवक्ता खालिदा हया रश्मी ने भारत के संविधान के महत्व पर प्रकाश डाला। संविधान नागरिकों को कैसे सशक्त बना सकता है, पर विस्तृत विवेचना की। उन्होंने सभी उपस्थित जनों से संविधान के सार और इसके निर्माताओं की विचार प्रक्रिया को जानने के लिए भारत के संविधान और उन रिपोर्टों को अध्ययन करने का आग्रह किया, जिन पर भारत के संविधान को तैयार किया गया है।
मौके पर गोमास्ता ने डॉ अम्बेदकर को उनके आदर्शों और सिद्धांतों का सही सार जानने के लिए साहित्य और बाबा साहेब से संबंधित पुस्तकों को पढ़ने की सभी से अपील की। उन्होंने कहा कि सामाजिक सुधार एक सतत प्रक्रिया है न कि मंजिल, इसलिए अधिकारों के लिए संघर्ष करते रहें। समाज के विकास के लिए सभी को गले लगाने और दूसरे के विचारों को स्थान देने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर कोल इंडिया अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति कर्मचारी संघ (सिस्टा) के प्रतिनिधि केएम डार्विन, सीएमपीडीआई शाखा के अध्यक्ष प्रवीण कुमार, संजय कुमार, विजय कुमार और एससी/एसटी/ओबीसी परिषद् के सदस्य के गोरे लाल पासवान, प्रेम चंद्र गुड़िया, मनोज कुर्रे, श्रीमती मीरा कुमारी, कामेश्वर रविदास आदि ने अपने-अपने विचार रखें।
इस अवसर पर डॉ अम्बेदकर जयंती की प्रस्तावना पर आधारित ड्राइंग एवं प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। इससे एक दिन पहले सीएमपीडीआई में प्रभात फेरियां निकाली गई थी।