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Coal India : कामगारों की सुविधा पर भी सेंध लगा रहे अफसर

झारखंड
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कुमार राजेश

रांची। कोल इंडिया (Coal India) प्रबंधन कामगारों की सुविधाओं में पहले ही कटौती कर रहा है। मेडिकल अनफिट सहित कई सुविधाएं लगभग बंद कर दी गई है। अब कामगारों को मिली सुविधाओं पर अफसर भी सेंध लगा रहे हैं। प्रबंधन ने भी इसपर हामी भर दी है।

जानकारी हो कि कोयला अफसरों के संगठन सीएमओएआई (एपेक्‍स) की कोल इंडिया चेयरमैन और कार्यकारिणी निदेशकों के साथ 28 अप्रैल, 2023 को कोलकाता में मीटिंग हुई थी। इसमें अफसरों को महारत्‍न कंपनी के समतुल्‍य वेतनमान देने के लिए रेफर करने पर सहमत हो गया है। इसके अलावा भी अफसरों के कई अन्‍य मांगों पर भी प्रबंधन ने सहमति जताई है। इस क्रम में कामगारों की कुछ सुविधाओं को अफसरों को देने पर भी प्रबंधन सहमत हो गया।

कोल इंडिया में अब तक लाइव रोस्‍टर की सुविधा कामगारों को ही मिल रही थी। इसके तहत कामगार की मृत्‍यु होने पर 12 साल या उससे ऊपर के नाबालिग आश्रितों का नाम लाइव रोस्‍टर में दर्ज किया जाता है। उसकी उम्र 18 साल होने पर वह स्‍थाई नौकरी के लिए आवेदन देता है।

इस बीच में प्रबंधन मृतक कामगार के परिवार को जीविका को चलाने के लिए आर्थिक सहायता के रूप में करीब 26 हजार रुपये प्रति माह देता है। आश्रित के स्‍थाई नौकरी हो जाने के बाद यह राशि परिवार को देना प्रबंधन बंद कर देता है।

अब तक अधिकारी को यह सुविधा नहीं थी। शुक्रवार को हुई बैठक में सीएमओएआई ने कामगार की तरह मृतक अफसरों के आश्रितों को भी यह सुविधा प्रदान करने की मांग उठाई। प्रबंधन इसपर राजी भी हो गया है।

जेबीसीसीआई के समझौते के मुताबिक आईआईएम, आईआईटी, प्रीमियम सरकारी संस्‍थानों में पढ़ने वाले कामगारों के बच्‍चों के फीस और हॉस्‍टल खर्च की प्रतिपूर्ति प्रबंधन कर रहा था। सीएमओएआई ने अफसरों की संतानों को भी यह सुविधा देने की मांग बैठक में उठाई थी। सीएमओएआई की इस की मांग पर प्रबंधन सहमत हो गया। प्रबंधन ने कामगारों के लिए तय मानक के अनुरुप काम करने की बात कही।

कामगारों का कहना है कि कामगारों की कई सुविधाएं प्रबंधन अफसरों को देने को राजी हो गया है। ऐसे में मृतक के आश्रितों को नौकरी देने के मामले में प्रबंधन को समानता लानी चाहिए। वर्तमान में किसी अफसर की मृत्‍यु होने पर उसके आश्रितों को सेमी क्‍लर्क ग्रेड 1 की नौकरी दी जाती है। में ज्‍वाइन होता है। भले ही उसकी योग्‍यता कुछ भी हो। कामगार की मृत्‍यु होने पर उसके आश्रितों को कटेगरी वन में ही ज्‍वाइन कराया जाता है। भले ही उसकी उच्‍च योग्‍यता क्‍यों न हो। अब कामगार के आश्रितों को भी सेमी क्‍लर्क ग्रेड 1 में नौकरी दी जानी चाहिए।

इसी तरह छुट्टी के मामले में भी समानता होनी चाहिए। दोनों एक ही परिवेश में काम करते हैं। यूजी में दोनों जाते हैं। कोयला उत्‍पादन में दोनों का समान योगदान है। ऐसे में अफसरों की तरह कामगारों को भी एक साल में 30 दिन का ईएल मिलना चाहिए। सीएल भी बराबर मिलना चाहिए।