महज सूचना में ‘वर्जित’ है भीम बराज पुल पर भारी वाहनों का आवागमन

झारखंड
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विवेक चौबे

गढ़वा। कोयल नदी पर अरबों रुपए की लागत से भीम बराज बना है। पुल में टायर के सहारे अस्थायी अवरोधक टंगा हुआ है। इस पुल पर केवल हल्के वाहनों के आवागमन की ही अनुमति है। इसके लिए गढ़वा जिला की तरफ पुल के पश्चिमी छोर पर ‘भारी वाहनों का आवागमन वर्जित’ का बोर्ड लगा हुआ है। हालांकि यह सूचना मात्र में ही सिमटकर रह गया है।

इस आदेश की अनदेखी कर उक्त पुल पर तमाम तरह के भारी वाहन बेरोकटोक आ-जा रहे हैं। सिंचाई विभाग ने पुल की सुरक्षा की जिम्मेवारी होमगार्ड के जवान के हाथों में सौंप रखा है। गढ़वा और पलामू यानी पुल के दोनों छोर पर पांच-पांच होमगार्ड के जवान तैनात हैं। उनकी जिम्‍मेवारी है कि वे पुल पर किसी भारी वाहनों का आना-जाना नहीं होने दे।

उक्त आदेश की अवहेलना करते हुए वहां तैनात होमगार्ड के जवान अवैध रूप से वाहनों को पार होने की परमिशन दे रहे हैं। स्‍थानीय लोगों का कहना है कि ओवरलोडिंग वाहनों के आवागमन से भीम बराज पुल के अस्तित्व को खतरा होने की आशंका उत्‍पन्‍न हो गई है। इसके बाद सैकड़ों ग्रामीणों को मोहम्मद गंज रेलवे स्टेशन से जोड़ने वाली एकमात्र पुल सपना बनकर रह जाएगा।

यह बराज पुल गढ़वा को पलामू जिले और बिहार से जोड़ता है। इस पुल की क्षमता उतनी नहीं है कि इस पर से भारी वाहन गुजरे। हालांकि पूरे वर्ष पुल से भारी वाहन को गुजारा जाता है, जिससे इस पुल की अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है।

पुल से कोई भारी वाहन नहीं गुजरे, इसके लिए उसके दोनों किनारों पर लोहे के पिलर गाड़कर ऊपर से लोहे के अवरोधक लगाए गये हैं। उक्त अवरोधक को स्थायी रूप से फिक्स नहीं कि‍या गया है। उक्त अवरोधक को साईकिल की टायर के सहारे टांग दिया गया है। उसे बड़ी गाड़ी को पुल से पार कराने के समय हटा दिया जाता है। इसके पीछे का कारण मात्र पैसे का लालच बताया जाता है।

इस विषय में गार्ड श्रवण तिवारी ने बताया कि मैं पिछले तीन चार दिनों से छुट्टी में आया हूं। हालांकि पुल से कोई भी भारी वाहन नहीं आता-जाता है।