रबी फसलों के लिए उपयुक्त तकनीकों को बढ़ावा देने की बताई जरूरत

कृषि झारखंड
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  • बीएयू कुलपति ने खरीफ और रबी शोध कार्यक्रमों के प्रगति की समीक्षा की

रांची। बिरसा कृषि विश्‍वविद्यालय के कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने झारखंड प्रदेश में आसन्न रबी फसलों की खेती को देखते हुए विवि के विभिन्न शोध परिसर स्थित प्रायोगिक फार्म का निरीक्षण किया। फार्म में विभिन्न खरीफ शोध कार्यक्रमों के अधीन धान, मक्का, अरहर, मूंग, उरद, मड़ुआ, मूंगफली, सोयाबीन, तिल, सरगुजा, गुन्दली, कोदो, पंखिया सेम एवं राजमूंग फसलों के स्थिति का अवलोकन किया। फसलों के शोध प्रदर्शन पर संतोष जताया। कृषि वैज्ञानिकों को परिपक्व खरीफ फसलों की अविलंब कटाई कार्य पूरा करने को कहा।

कुलपति ने आसन्न रबी मौसम के मुताबिक रबी शोध कार्यक्रमों के तहत विभिन्न प्रायोगिक फार्म के खेतों की तुरंत तैयारी को पूरा कर सही समय पर अविलंब रबी फसलों के शोध कार्यक्रमों को कार्यान्वित करने का निर्देश दिया। वैज्ञानिकों से कहा कि प्रदेश में रबी फसलों का कम रकबा और कम फसल उत्पादन को देखते उपयुक्त तकनीकों को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। उन्होंने शोध फार्म में धान की परती भूमि में उपयुक्त रबी फसल तकनीक पर रणनीति के शोध प्रदर्शन को प्राथमिकता देने पर बल दिया। रबी फसलों में गेहूं, स्माल मिल्लेट्स, दलहनी एवं तेलहनी फसलों की कम अवधि, कम सिंचाई एवं कम लागत में अधिक उपज देने वाली रोगरोधी एवं सूखा सहिष्णु प्रभेदों के विकास के लिए वैज्ञानिकों निरंतर शोधरत एवं प्रयत्न करने की सलाह दी।

कुलपति ने विभिन्न फसलों के नाभकीय, प्रजनक एवं आधार बीज उत्पादन कार्यक्रमों की समीक्षा की। कृषि विज्ञान केन्द्रों को सही समय पर आधार बीज की मात्रा की आपूर्ति सुनिश्चित करते हुए बीज उत्पादन कार्यक्रम को बढ़ावा देने को कहा। उन्होंने वैज्ञानिकों को किसान हित में कम मूल्य में सही एवं उन्नत बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करने की बात कही। मौके पर आनुवांशिकी एवं पौधा प्रजनन विभाग के अध्यक्ष डॉ सोहन राम ने आईसीएआर परियोजना अधीन संचालित विभिन्न खरीफ शोध कार्यक्रमों एवं आगामी रबी शोध कार्यक्रम रणनीति की जानकारी दी। इस अवसर पर डॉ सीएस महतो, डॉ अरुण कुमार एवं डॉ एखलाक अहमद आदि मौजूद थे।