ED ने पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में टीएमसी नेता शांतनु बनर्जी को किया गिरफ्तार, जानें पूरा मामला

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कोलकाता। बड़ी खबर कोलकाता से आयी है। बुधवार को पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में ईडी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए टीएमसी यूथ विंग के नेता शांतनु बनर्जी को गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें कोलकाता के पीएमएलए कोर्ट में पेश किया गया, जहां से कोर्ट ने टीएमसी नेता को 24 मार्च तक ईडी की रिमांड में भेज दिया है।

शांतनु पर आरोप है कि प्राइमरी टीचर सहित ग्रुप सी और ग्रुप डी की भर्तियों में पैसे के बदले अवैध तरीके से नौकरियां दिलाईं। ईडी ने कहा कि पहले से ही ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजे गए कुंतल घोष के करीबी शांतनु अवैध गतिविधियों में शामिल हैं।

ईडी की ऑफिशियल रिलीज के अनुसार शांतनु ने परिवार के लोगों के नाम से कई संपत्तियां खरीदी हैं, जिसमें कंपनियां और फर्म शामिल हैं। यह भी एक तरह का क्राइम है। इससे पहले ईडी ने पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किया था। पार्थ चटर्जी टीएमसी के विधायक और एजुकेशन मिनिस्टर रहे हैं। इस स्कैम में इनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी, मानिक भट्टाचार्य और कुंतल घोष को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। सभी आरोपी इस वक्त न्यायिक हिरासत में हैं।

बता दें कि पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में ईडी ने इन गिरफ्तारियों के अलावा करीब 49.80 करोड़ का सोना और करीब 5.08 करोड़ रुपए की ज्वेलरी सीज कर चुकी है। इसके अलावा 48.22 करोड़ रुपए की प्रापर्टी को अटैच किया जा चुका है। अभी तक इस मामले में कुल 111 करोड़ रुपए की संपत्ति पकड़ी गई है। वहीं प्रवर्तन निदेशालय लगातार मामले की जांच भी कर रहा है।

प्रवर्तन निदेशालय की जांच में यह तथ्य सामने आया है कि साल 2012 से लेकर 2022 तक सिर्फ प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में पश्चिम बंगाल में 500 करोड़ रुपए से अधिक का घोटाला किया गया है। इसके साथ ही राज्य में ग्रुप सी और ग्रुप डी की भर्तियों में भी बड़े पैमाने पर घालमेल किया गया है। राज्य की सत्ता पर 2011 से तृणमूल कांग्रेस काबिज है और 2012 से यह घोटाले शुरू हुए।