दयानन्द जयंती पर डीएवी गांधीनगर में निकली शोभायात्रा

झारखंड शिक्षा
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रांची। रांची के कांके रोड स्थित सीसीएल कालोनी स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल, गांधीनगर में आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानंद की 200वी जयंती 12 फरवरी को मनाई गई। इस अवसर पर स्‍कूल के संपूर्ण परिसर को एक दिन पूर्व ही फूल माला, विद्युत झालर एवं दीप मालाओं से सजाया गया था।

मौके पर शोभायात्रा निकाली गई। इसमें स्‍कूल के छात्र-छात्रा, सभी शिक्षकों के साथ शिक्षकेतर कर्मचारियों ने भाग लिया। यह शोभायात्रा गांधीनगर कॉलोनी से कांके रोड होती हुई सीएमपीडीआई परिसर तक गई। सैकड़ों की संख्या में बच्चे, शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों ने झंडे, बैनर एवं तख्तियों को लेकर शोभा यात्रा को भव्यता प्रदान की।

गीत, भजन एवं नारों से सडकें गुंजायमान रही। शोभायात्रा के बाद स्‍कूल परिसर में सामूहिक यज्ञ का आयोजन किया गया। धर्म शिक्षक पूर्णचंद्र ने विशेष वैदिक मंत्रों से यज्ञ संपन्न कराया। स्‍कूल के छात्रों ने महर्षि दयानंद की जीवन यात्रा से संबंधित गीत नाटिका की मोहक प्रस्तुति भी दी।

प्राचार्य एसके सिन्हा ने महर्षि दयानंद के विचार और मान्यताओं को आत्मसात कर जीवन में उतारने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि महर्षि दयानन्द युगद्रष्टा ही नहीं समाज सुधारक थे। क्रांतिकारी ही नहीं, सच्चे भारतीय थे। उन्होंने समाज में व्याप्त कुरीति, कुपरंपराओं, छुआछूत, जातिवाद आदि के मकड़जाल में उलझे भारतीयों का मार्गदर्शन किया। धर्म, शिक्षा, समाज सुधार आदि के क्षेत्र में उनके अमूल्य योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।

वरिष्ठ शिक्षक डॉ वैद्यनाथ मिश्र ने दयानंद के राष्ट्रीय योगदान पर प्रकाश डाला। वर्तमान संदर्भ में उनके कृतित्व की प्रासंगिकता को स्पष्ट किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में निराकार आचार्य बृजेश सिन्हा, लक्ष्मी कुमारी, अमरनाथ साव, के नलिनी, पुष्प झा, एके सिंह, केके प्रसाद, मनोज कुमार, पीके सहाय, कुंदन कुमार आदि की भूमिका रही।