कलश यात्रा के साथ 6 फरवरी से शुरू होगा मानस महायज्ञ

झारखंड धर्म/अध्यात्म
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विवेक चौबे

गढ़वा। प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सतबहिनी झरना तीर्थ के मुक्ताकाश में 23वें मानस महायज्ञ 6 फरवरी से कलश यात्रा के साथ शुरू होगी। इस दौरान सतबहिनी भगवती मंदिर में यज्ञाचार्य पंडित श्यामबिहारी वैद्य के नेतृत्व में याज्ञिक पुरोहितों के द्वारा प्रधान कलशों के साथ सभी कलशों का संकल्प कराया जाएगा। यह जानकारी सचिव पंडित मुरलीधर मिश्र ने दी।

मिश्र ने बताया कि धर्म ध्वजा लिए जयकारा लगाते गाजे बाजे के साथ देवी गीत गाते सैकड़ों वाहनों से कलश यात्री कोयल व बायीं बा़ंकी नदी के संगम पर पहुंचेंगे। वहां यज्ञाचार्य द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ कलशों में अभिमंत्रित जल भराया जाएगा।

सात फरवरी को पंचांग पूजन, मंडप प्रवेश व अरणी मंथन के साथ यज्ञारंभ हो जाएगा। आचार्य पंडित सुमंत पाठक के नेतृत्व में वेदपाठी ब्राह्मणों द्वारा मानस का पारायण पाठ किया जाएगा। अयोध्या विद्या कुंड के सिद्ध पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 श्री महंत प्रेमशंकर दास महाराज, देवरिया के पंडित अखिलेश मणि शांडिल्य, वृंदावन की शिखा चतुर्वेदी, चित्रकुट के पंडित राजेंद्राचार्य व गुप्तकाशी के पंडित सौरभ भारद्वाज द्वारा दोपहर से संध्या छह बजे तक प्रवचन प्रस्तुत किया जाएगा।

सचिव ने बताया कि वर्ष 2001 की 28 फरवरी से पांच मार्च तक मां सतबहिनी झरना तीर्थ एवं पर्यटनस्थल विकास समिति के तत्वावधान में पहले महायज्ञ का आयोजन किया गया था। समिति के अध्यक्ष समाजसेवी नरेश प्रसाद सिंह व सचिव पंडित मुरलीधर मिश्र ने सभी श्रद्धालुओं से कलशयात्रा व यज्ञायोजन में भाग लेने की अपील की है।