रांची। झारखंड के डॉक्टर कल मरीजों को नहीं देखेंगे। काम का बहिष्कार करेंगे। यह निर्णय इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की 27 फरवरी, 2023 को हुई आपातकालीन बैठक में लिया गया। इसमें चिकित्सकों ने हाल ही में घटित घटनाओं पर दुख, भय एवं आक्रोश को व्यक्त किया। चिकित्सक समाज इन घटनाओं से उद्वेलित एवं भयाक्रांत हैं।
आम सहमति से यह निर्णय लिया गया की 1 मार्च, 2023 को आईएमए के सभी सरकारी एवं गैर सरकारी सदस्य अपने सामान्य कार्य का बहिष्कार करेंगे। नैतिक कर्तव्य बोध से इस कार्य बहिष्कार से आकस्मिक सेवाओं को मुक्त रखा गया है।
कार्य बहिष्कार 24 घंटा यानी 1 मार्च प्रातः 6 से 2 मार्च प्रातः 6 तक प्रभावी रहेगा।
आईएमए के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अरुण कुमार सिंह और सचिव डॉ प्रदीप कुमार सिंह ने कहा कि लगातार हो रही विषम परिस्थितियों का सामना करते हुए चिकित्सक समुदाय गंभीर तनाव से गुजर रहे हैं। सरकार से किए गए बार-बार लिखित पत्राचार के बावजूद भी कोई संज्ञान नहीं लेने के कारण इस दुखद निर्णय पर हमें आना पड़ रहा है।
विगत 15 दिनों में डॉक्टर्स के साथ हुए कुछ वारदात
1 रांची के वरिष्ठ ऑर्थोपेडिशियन सर्जन डॉ अचल कुमार पर जानलेवा हमला
2 गढ़वा में जनप्रतिनिधियों द्वारा सिविल सर्जन और उपाधीक्षक एवं डीपीएम को गाली गलौज और मारपीट
3 हजारीबाग के उप विकास आयुक्त द्वारा डॉक्टर (पीडियाट्रिक हेड) के साथ बदसलूकी और कॉलर पकड़ पकड़ कर बाहर निकलवाना
4 जामताड़ा के स्थानीय विधायक द्वारा सिविल सर्जन को धमकी और कार्य में हस्तक्षेप
5 पेटरवार में डॉ अजय चौधरी के साथ मारपीट किया जाता है।
6 लोहरदगा के सिविल सर्जन डॉ संजय कुमार को जान से मारने की धमकी दी जाती है।
7 रिम्स के डॉक्टर सौरव की मृत्यु के पश्चात सरकार द्वारा परिवार के साथ सौतेला व्यवहार
पुरानी मांगें
मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लगभग झारखंड में लागू हो।
यूपी एवं हरियाणा के तर्ज पर झारखंड में भी 50 बेड अस्पताल एवं एकल क्लीनिक को क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट से मुक्त रखा जाए।