सीएमपीडीआई को गवेषण के लिए मिलेगा 2980 करोड़ : सीएमडी

झारखंड
Spread the love

रांची। सीएमपीडीआई द्वारा वित्त वर्ष 2022-23 में 7 लाख मीटर ड्रिलिंग लक्ष्य के मुकाबले दिसम्बर, 2022 तक 3.94 लाख मीटर ड्रिलिंग की गयी है। इसमें से 2.46 लाख मीटर विभागीय संसाधन से हुई है। साथ ही 875 लाइन किलोमीटर 2डी/3डी सिस्मिक सर्वे के लक्ष्य के मुकाबले दिसम्बर, 2022 तक 441 लाइन किलोमीटर सिस्मिक सर्वे किया गया है जिसमें 70 लाइन किलोमीटर विभागीय संसाधन के माध्यम से हुई है। गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय झंडा फहराने के बाद उक्त बातें सीएमपीडीआई के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक मनोज कुमार ने कहीं।

कुमार ने कहा कि सेंट्रल सेक्टर स्कीम के अंतर्गत 2980 करोड़ रुपए की राशि गवेषण के लिए प्राप्त होनी है। इससे गवेषण कार्य आने वाले वर्षों में सुचारू रूप से चल सकेगी। कोयला एवं गैर-कोयला क्षेत्रों में एनईएमटी के माध्यम से अन्वेषण का प्रयास किया जा रहा है। अभी तक 38 प्रस्ताव सुपुर्द की गयी है, जिसमें 27 प्रस्ताव स्वीकृत किए गए है जिसमें नॉन-कोल ब्लॉक्स के 4 प्रस्ताव हैं।

सीएमपीडीआई द्वारा सूचना एवं संचार तकनीकी सेवा क्षेत्र में कदम बढ़ाते हुए कोल इंडिया के लिए एक कॉलोनी मेंटेनेंस पोर्टल,  कॉलोनी कम्पलेंट मैनेजमेंट सिस्टम विकसित किया गया है। बीसीसीएल, ईसीएल और कोल इंडिया इसे अपने क्षेत्राधिकार में लागू करने की प्रक्रिया में है।

इसके अलावा, क्वार्टर एलॉटमेंट पोर्टल और ऑनलाइन क्वार्टर एलॉटमेंट सिस्टम, सेवानिवृत्त कर्मचारियों की शिकायतों को दूर करने के लिए सीएमपीडीआई कनेक्ट पोर्टल विकसित किया गया है। यह सीएमपीडीआई की वेबसाइट पर उपलब्ध है।

सीआईएल के सहयोग से सीएमपीडीआई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने के लिए डाटा एनालाइटिक्स के क्षेत्र में अग्रसर है। सेफ्टी रिस्क, एमओयू ट्रैकिंग और कांट्रैक्ट मॉनिटरिंग के क्षेत्र में तीन प्रोजेक्ट्स की पहचान की गई है जिनपर काम चल रहा है। कोल इंडिया में डाटा एनालाइटिक्स  के इकोसिस्टम का निर्माण करना दीर्घकालीन लक्ष्य है।

सीएमडी ने कहा कि सीएमपीडीआई द्वारा आईआईटी मुम्बई के साथ एक साइंस एंड टेक्नोलॉजी परियोजना ‘कोल बेड मिथेन एंड कार्बन सीक्वेस्ट्रेशन के प्रॉस्पेक्ट्स के लिए जलाशय वर्गीकरण एवं न्यूमेरिकल मॉडलिंग पर संयुक्त रूप से कार्य किया जा रहा है। इस परियोजना में आईआईटी-मुम्बई प्रिंसिपल इम्पलीमेंटिंग एजेंसी एवं सीएमपीडीआई सब-इम्पलीमेंटिंग एजेंसी है। यह प्रोजेक्ट कार्बन डायक्साइट इंजेक्शन के माध्यम से सीबीएम रिकवरी की बढ़ोत्तरी की संभाव्यता का अध्ययन करेगी।

मौके पर कुमार ने कहा कि सौर परियोजनाओं के लिए पीएमसी सेवाएं प्रदान करने के लिए सीसीएल के विभिन्न क्षेत्रों में 3.5 मेगावाट के लिए पहले ही एनआईटी जमा की जा चुकी है। 13.5 मेगावाट की योजना भी प्रस्तुत की चुकी है। सीसीएल के अन्य क्षेत्रों के लिए 7.5 मेगावाट की योजना तैयार की जा रही है।

सीएमडी ने कहा कि सीएसआर  के अंतर्गत वर्ष 2023-23 के लिए 7.3 करोड़ की राशि आवंटित की गयी है। सीएसआर के माध्यम से ‘‘गो ग्रीन, ड्रिंक क्लीन’’, सिपेट-रांची, चंद्रपुर और भुवनेश्वर के माध्यम से 240 लाभुकों को प्लास्टिक प्रोसेसिंग-मशीन ऑपरेटर में कौशल विकास प्रशिक्षण, एलिम्बको-कानपुर के सहयोग से धनबाद एवं नागपुर जिले के दिव्यांग एवं जरूरतमंद व्यक्तियों को विभिन्न सहायक यंत्र एवं उपकरण / किट का वितरण] सीएमपीडीआई (मुख्यालय), रांची के निकट मिसिर गोंदा ग्राम के विकास के लिए टॉयलेट ब्लॉक्स और सोलर लाइटिंग की व्यवस्था तथा सीएचसी-बुर्मु,  रांची में 200 एलपीएम पीएसए ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना की गयी है।

इस अवसर पर अवर सहायक सुरक्षा निरीक्षक राखी बंधन गोप को उत्कृष्ट सेवाओं और डीजीआर सुरक्षा कर्मी हवलदार श्याम महतो को कर्त्तव्य परायणता के लिए पुरस्कृत किया।

कार्यक्रम में निदेशक (तकनीकी/आरडीएंटी) आरएन झा, निदेशक (तकनीकी/सीआरडी) एसके गोमास्ता,  निदेशक (तकनीकी/ईएस) शंकर नागाचारी,  निदेशक (तकनीकी/पीएंडडी) अजय कुमार, मुख्य सतर्कता अधिकारी सुमीत कुमार सिन्हा, वरीय सलाहकार (माइनिंग) एके राणा, क्षेत्रीय संस्थान-3, रांची के क्षेत्रीय निदेशक जयंत चक्रवर्ती, श्रमिक प्रतिनिधि, सीएमओएआई के प्रतिनिधि सहित सीएमपीडीआई परिवार के सदस्य उपस्थित थे।