बापू आसाराम की मुश्किलें बढ़ीं, शिष्या से रेप के मामले में दोषी करार

नई दिल्ली देश
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नई दिल्ली। बड़ी खबर यह आयी है कि अदालत ने अपनी ही शिष्या से रेप के आरोपी बापू आसाराम को दोषी करार दिया है। जानकारी के अनुसार, गांधीनगर सेशन कोर्ट ने बापू आसाराम को दोषी ठहराया है। साल 2013 में सूरत की रहने वाली दो बहनों ने आसाराम बापू पर गंभीर आरोप लगाए थे। इस मामले में 7 आरोपी थे। बाद में सबूत के अभाव में आसाराम को छोड़ सभी 6 आरोपियों को बरी किया गया। आसाराम इस समय जोधपुर जेल में बंद है। सत्र न्यायाधीश डी के सोनी मंगलवार (31 जनवरी) को सज़ा सुनाएंगे।

अदालत ने सबूतों के अभाव में आसाराम की पत्नी समेत छह अन्य आरोपियों को बरी कर दिया। अहमदाबाद के एक थाने में दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक, आसाराम ने 2001 से 2006 के बीच महिला से कई बार बलात्कार किया, जब वह शहर के बाहरी इलाके में स्थित उसके आश्रम में रहती थी। लोक अभियोजक आर सी कोडेकर ने सोमवार को कहा कि अदालत ने अभियोजन के मामले को स्वीकार कर लिया और आसाराम को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (2) (सी), 377 (अप्राकृतिक यौनाचार) और अवैध रूप से बंधक बनाने से जुड़ी धारा में दोषी ठहराया।

जानकारी के अनुसार, गांधीनगर एडिशन डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस कोर्ट में सुनवाई के दौरान खुद आरोपी आसाराम भी वर्चुअली मौजूद था। इस मामले में कोर्ट में लंबी सुनवाई चली जिसके बाद अदालत ने आसाराम को दोषी पाया है। साल 2018 में जोधपुर की कोर्ट ने आसाराम को 16 साल की लड़की से दुष्कर्म के मामले में दोषी पाया था। इसके बाद आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।

गांधीनगर कोर्ट का यह फैसला आसाराम के लिए किसी झटके से कम नहीं है। पिछले नवंबर के महीने में आसाराम ने सुप्रीम कोर्ट में एक जमानत याचिका लगाते हुए गुहार लगाई थई कि उसकी बढ़ती उम्र और तबीयत की वजह से उसे जमानत दे दी जाए। हालांकि, अदालत से उसे राहत नहीं मिली थी। एक तरफ पुराने मामले में आसाराम पहले से ही कड़ी सजा भुगत रहा है। अब सूरत वाले इस अहम केस में भी उसे जल्द ही सजा सुनाई जाएगी। जाहिर है आसाराम के लिए अभी कही से कोई राहत मिलती नहीं दिख रही है।