समाजसेवी लखींद्र पाहन का 62 साल की उम्र में निधन, शोक में डूबे राजधानीवासी

झारखंड
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रांची। अच्छे लोग दिलों में इस तरह
उतर जाते हैं
कि मरने के बाद भी अमर हो जाते हैं।

सबके चहेते, बेहद मृदुभाषी लखींद्र पाहन अब हम सभी के बीच नहीं रहे। 62 साल की उम्र में शनिवार की अहले सुबह उनका निधन हो गया।

झारखंड आंदोलनकारी, झामुमो के कद्दावर नेता और केदल पंचायत के पूर्व मुखिया लखींद्र पाहन के निधन की खबर जैसे ही लोगों तक पहुंची, सभी शोक में डूब गए। लोगों का कहना था …

बिछड़ा कुछ इस अदा से कि रुत ही बदल गई
इक शख़्स सारे शहर को वीरान कर गया
भगवान उनकी आत्मा को शांति दें।

यहां बता दें कि लखींद्र पाहन बीआईटी विस्थापित संघ के अध्यक्ष और क्षेत्रीय सरना समिति के संरक्षक भी थे। वो क्षेत्र में काफी लोकप्रिय थे। उन्हें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भईया कहकर बुलाते थे। यह इसलिए नहीं कि वो शिबू सोरेन के काफी करीबी और प्रिय थे, बल्कि इसलिए कि उनका सुझाव राज्य के लिए मील का पत्थर साबित होता रहा है।

जानकारी के अनुसार शनिवार की रात करीब 2 बजे लखींद्र पाहन शौचालय जाने के लिए उठे और गिर पड़े। परिजनों ने उन्हें आनन-फानन में अस्पताल पहुंचाया, परंतु डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। शनिवार की दोपहर ही उनका अंतिम संस्कार मसना स्थल में किया गया।

अंतिम संस्कार के दौरान हजारों की संख्या में लोग उपस्थित थे। लखींद्र पाहन के बेटे आकाश पाहन ने उन्हें मुखाग्नि दी। स्वर्गीय लखींद्र पाहन की चार बेटियां और एक पुत्र हैं। जिसमें तीन बेटियां इंजीनियर हैं। एक बेटी एमबीए कर चुकी है।

लखींद्र पाहन के निधन पर भाजपा के पूर्व सांसद राम टहल चौधरी, विधायक मथुरा महतो, झामुमो के वरिष्ठ नेता विनोद पांडे, सिल्ली के पूर्व विधायक अमित महतो, मनरखन ग्रुप के चेयरमैन मनरखन महतो, उदय बीएड कॉलेज के चेयरमैन संतोष महतो, मनरखन बीएड कॉलेज के जितेंद्र महतो, समाजसेवी चुन्नीलाल महतो, सागर महतो, लक्ष्मण महतो, मनेष महतो, सोना राम महतो, मुखिया राहुल मुंडा, पूर्व पंचायत समिति के गणेश्वर नारायण, शिवलाल महतो, राजा महतो, सोहन मुंडा, विवेक रंजन समेत अन्य लोगों ने पहुंचकर शोक संवेदना प्रकट की।