पुरानी पेंशन योजना अपनाने वाले झारखंड, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारियों को बड़े नुकसान की आशंका

नई दिल्ली देश
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  • लोकसभा में वित्त राज्‍यमंत्री डॉ भागवत कराड ने दी जानकारी

नई दिल्‍ली। नई पेंशन योजना से पुरानी पेंशन योजना अपनाने वाले झारखंड, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारियों को बड़ा नुकसान होने की आशंका है। लोकसभा में पूछे गए सवाल के वित्त राज्‍यमंत्री डॉ भागवत कराड के जवाब से इसके संकेत मिले हैं।

सांसद असुदुद्दीन ओवैसी ने पुरानी पेंशन योजना को लेकर कई सवाल किए थे। उन्‍होंने यह भी पूछा था कि क्‍या कई राज्यों ने सरकार से पुरानी पेंशन योजना शुरू करने के लिए राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) का पैसा लौटाने की मांग की है।

सांसद ने यह भी पूछा था कि जिन राज्यों ने पुरानी पेंशन योजना शुरू की है, उन्हें एनपीएस का पैसा लौटाने के लिए सरकार द्वारा क्या निर्णय लिया जा रहा है। क्या सरकार का निकट भविष्य में ओपीएस वापस शुरू करने का विचार है।

लिखित जवाब में वित्त राज्य मंत्री ने बताया कि राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड की राज्य सरकारों ने अपने राज्य के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन प्रणाली (ओपीएस) पुनः प्रारंभ करने के अपने निर्णय के बारे में केंद्र सरकार/पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) को सूचित किया है।

पंजाब राज्य सरकार ने 18 नवंबर, 2022 को अपने सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना का कार्यान्वयन करने के संबंध में अधिसूचना जारी की है।

राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड की राज्य सरकारों ने एनपीएस के अधीन अभिदाताओं के संचित कॉर्पस को वापस करने के लिए केंद्र सरकार/पीएफआरडीए को प्रस्ताव भेजा है। ऐसा कोई प्रस्ताव पंजाब राज्य सरकार से प्राप्त नहीं हुआ है।

वित्त राज्‍यमंत्री ने बताया कि राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड की सरकारों के प्रस्तावों के उत्तर में पीएफआरडीए ने संबंधित राज्य सरकारों को सूचित किया है कि पीएफआरडीए विनियम, 2015 के साथ पठित पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण अधिनियम, 2013 के अंतर्गत और समय-समय पर यथा संशोधित अन्य प्रासंगिक विनियमों, जिसके तहत निधियों जो पहले से ही एनपीएस के पक्ष सरकारी अंशदान और कर्मचारियों के अंशदान दोनों के रूप में उपचय ब्याज सहित जमा है, उनको राज्य सरकार को लौटाए जाने और उसे वापस जमा कराए जाने का कोई प्रावधान नहीं है।

राज्‍यमंत्री ने यह भी बताया कि भारत सरकार के पास पुरानी पेंशन प्रणाली की बहाली का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।