अरहर उत्पादन प्रौद्योगिकी पर प्रशिक्षण, मशीन और दवा का भी वितरण

झारखंड कृषि
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रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के निदेशालय अनुसंधान अधीन संचालित आईसीएआर- अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना (अरहर फसल) -जनजातीय उपरियोजना के तहत अनगड़ा में अरहर उत्पादन प्रौद्योगिकी पर एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया. अनगड़ा के मोबाइल एग्रीकल्चर स्कूल एंड सर्विस (मास) के प्रशिक्षण भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में प्रखंड के लालगढ़, सिमलिया तथा सोसो गाँव के करीब 50 पुरुष एवं महिला जनजातीय किसानों ने भाग लिया.

परियोजना अन्वेंषक (अरहर शोध परियोजना) डॉ नीरज कुमार के मार्गदर्शन में बीएयू वैज्ञानिकों के दल ने किसानों की समस्या को जाना और निदान के उचित उपायों को बताया. मौके पर डॉ नीरज कुमार ने अरहर फसल के उचित देखभाल से सबंधित विभिन्न पहलुओं की विस्तार से जानकारी दी.

कीट वैज्ञानिक डॉ विनय कुमार ने अरहर फसल में लगने वाले कीड़े- मकोड़े के हानि पहुंचाने के तरीके, उनसे बचाव के तरीके, समय पर उपयुक्त दवा एवं उसकी उचित मात्रा के प्रयोग की विधि के सबंध में जानकारी दी.

पौधा रोग वैज्ञानिक डॉ एचसी लाल ने अरहर की खड़ी फसल पर रोंगों के लक्षण, उनकी तीव्रता का समय तथा उपचार के विधियों के बारे में किसानों को विस्तृत जानकारी दी.

प्लांट ब्रीडर डॉ सीएस महतो ने फसल लगाते समय अरहर के प्रभेदों, खाद, शस्य कार्य के विषय में विस्तृत जानकारी दी. मास के अध्यक्ष विजय भरत ने अरहर फसल के बीज उपचार के विभिन्न अवयवों पर प्रकाश डाला.

बीएयू वैज्ञानिकों ने परियोजना अधीन अनगड़ा प्रखंड के लालगढ़, सिमलिया और सोसो गांव में जनजातीय किसानों के खेतों में अरहर के उन्नत किस्मों का अग्रिम पंक्ति प्रत्यक्षण का भी भ्रमण किया.

कार्यक्रम के दौरान किसानों को दवा छिड़काव के लिए छिड़काव मशीन एवं दवा का वितरण किया, ताकि किसान समय रहते दवा का उचित उपयोग से फसलों को हानि से बचाया जा सके. मौके पर संतोष कुमार, अर्जुन महतो, रविन्द्र कुमार, संजय कुमार एवं दीपू उपाध्याय आदि भी मौजूद थे.