शिक्षक 19 नवंबर को घेरेंगे मुख्यमंत्री आवास, चल रहा जनसंपर्क अभियान

झारखंड
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  • मांगे पूरी नहीं होने पर 17 दिसंबर से मुख्यमंत्री आवास के समक्ष अनिश्चितकालीन अनशन

रांची। अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ की राज्य कार्यकारिणी की ऑनलाइन बैठक प्रदेश अध्यक्ष बृजेंद्र चौबे की अध्यक्षता में 16 नवंबर को हुई। प्रदेश कार्यसमिति के आह्वान पर दो चरण के आंदोलन की संघ ने समीक्षा की। अभूतपूर्व सफलता के लिए प्रदेश के शिक्षकों को बधाई दी।

साथ ही, 19 नवंबर को सीएम आवास घेराव की तैयारियों की प्रखंडवार, जिलावार और प्रमंडलवार तैयारी पर चर्चा हुई। घेराव में प्रदेश के शिक्षकों के राजधानी रांची आने पर बातचीत हुई। एक-एक बिंदु पर गहन विचार विमर्श किया गया। रेल मार्ग से आने वाले शिक्षक टिकट बुक करा चुके हैं। सड़क मार्ग से आने वाले बस सहित छोटी-बड़ी गाड़ी भी बुक करा चुके हैं। सभी तैयारी चरम पर है। चर्चा में सदस्‍यों ने कहा कि इस बार का सीएम आवास घेराव ऐतिहासिक होगा, क्योंकि प्रदेश के शिक्षक आंदोलन को लेकर काफी उत्साह हैं।

राज्य के सभी जिलों में हुई बैठक में शिक्षक प्रतिनिधियों ने सरकार और शिक्षा विभाग के अधिकारियों की हिटलरशाही, शोषण और पक्षपातपूर्ण रवैए पर आक्रोश व्यक्त किया।

संघ के प्रदेश अध्यक्ष बृजेंद्र चौबे, महासचिव राममूर्ति ठाकुर और मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद ने कहा कि विगत दिनों शिक्षकों की चार सूत्री मांगों का ज्ञापन राज्य के सभी जिलों से मुख्यमंत्री को समर्पित किया था। हालांकि सरकार के स्तर से अबतक यथोचित पहल नहीं होने के कारण शिक्षक आंदोलन की राह पर उतरने को मजबूर हैं।

वक्ताओं ने कहा कि राज्य के सभी कर्मियों को सुनिश्चित वृति उन्नयन योजना (MACP) का लाभ दिया जाता है। सिर्फ शिक्षकों को इससे वंचित रखा गया है, जबकि पड़ोसी बिहार ने अपने शिक्षकों को इसकी स्वीकृति प्रदान कर दी है।

इसके साथ ही छठे वेतनमान में वेतन निर्धारण की विसंगति को सचिवालय कर्मियों के लिए दूर कर दिया गया है। शिक्षकों को अब तक छठे वेतनमान की विसंगति का दंश झेलना पड़ रहा है।

अपने गृह जिले से सुदूर जिलों में पदस्थापित लगभग 7 हजार शिक्षकों को उनके गृह जिले में पदस्थापित होने का अवसर अब तक प्रदान नहीं किया गया है, जबकि 2020 में शिक्षा मंत्री द्वारा शिक्षकों को अंतर जिला स्थानांतरण का आदेश दिया गया था।

शिक्षक अपनी अस्मिता की रक्षा के लिए मजबूर हैं। अत्याधिक लिपिकीय एवं गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त कर पठन पाठन व्यवस्था को दुरुस्त करने की मांग बैठक में छायी रही।

चार सूत्री मांग और अपनी अस्मिता की रक्षा के लिए प्रदेश के सभी प्राथमिक व मध्य विद्यालय के हजारों शिक्षक 19 नवंबर को मुख्यमंत्री आवास के समक्ष धरना-प्रदर्शन करेंगे। सरकार द्वारा फिर भी बातें नहीं सुने जाने की स्थिति में 17 दिसंबर से अनिश्चितकालीन अनशन किया जाएगा।

बैठक में बिजेंद्र चौबे, राममूर्ति ठाकुर, नसीम अहमद, संतोष कुमार, असदुल्लाह, बाल्मीकि कुमार, हरे कृष्ण चौधरी, प्रभात कुमार, राकेश कुमार, अजय कुमार, अजय ज्ञानी, कृष्णा शर्मा, हरीश कुमार, अशोक कुमार, विभूति कुमार, रामचंद्र खेरवार, संजय कुमार, रमेश प्रसाद, संजय कांडुलना, शंभू कुमार, सुधीर दुबे, प्रवीण कुमार, अजय कुमार, उपेंद्र कुमार, सरोज कुमार, सुरेंद्र कुमार आदि लोग उपस्थित थे।

विद्यालय में जनसंपर्क अभियान

उधर, संघ के पदधारियों ने राजधानी रांची के नामकुम, अनगड़ा, सिल्ली( सोनाहातू, राहे, बुंडू प्रखंड के विभिन्न विद्यालय और प्रखंड मुख्यालयों में 19 नवंबर के सीएम आवास घेराव को लेकर जनसंपर्क अभियान चलाया। इसके समर्थन के लिए अधिक से अधिक संख्या में मोरहाबादी मैदान में शिक्षकों को आने का आह्वान किया।

संघ के पदधारियों ने कहा कि सभी जगह शिक्षक उत्साहित थे। जनसंपर्क अभियान में प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र चौबे, मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद सहित हरेकृष्ण चौधरी, अजय ज्ञानी, कलेश्वरी कोइरी, अगस्त भगत, सुधीर सिंह, अनंत मदन स्वासी, रामनरेश खटीक, आसाराम महतो, पुराण प्रकाश मिश्रा, इंद्रजीत बैठा, कृष्णा कुमार, वीरेंद्र कुमार, भरत सिंह, अनिल महतो, दिलीप महतो, मकसूद जफराबादी, जफर, दिलीप कुमार, रीना महतो, बद्री विशाल, देशराज मिश्रा आदि शामिल थे।

ये हैं मुख्य मांगें

शिक्षकों MACP के लिए सुनिश्चित वृति उन्नयन योजना लागू की जाए

शिक्षकों के छठे वेतनमान की विसंगतियों का निराकरण सचिवालय कर्मियों की भांति किया जाए

अंतर जिला स्थानांतरण नियमावली में आवश्यक संशोधन कर इसे सरल बनाया जाए

शिक्षकों को लिपिकीय और गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त किया जाए