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झारखंड राज्य समन्वय समिति गठित, ये हैं सदस्‍य, मिला मंत्री का दर्जा

झारखंड मुख्य समाचार
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  • कांग्रेस के प्रदेश अध्‍यक्ष और झामुमो के महासचिव भी सदस्‍य बने

रांची। राज्य के संतुलित विकास की संभावना तलाशने और जन-आकांक्षाओं के अनुरूप राज्य के विकास योजनाओं के साथ सामंजस्य स्थापित करने के लिए ‘झारखंड राज्य समन्वय समिति’ का गठन किया गया है। इसके अध्‍यक्ष पूर्व सीएम शिबू सोरेन होंगे। पांच सदस्‍य बनाये गये हैं। उन्‍हें मंत्री का दर्जा दिया गया है। सुख-सुविधा भी उसी अनुरूप दिया जाएगा। इस संबंध में मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग ने संकल्‍प जारी कर दिया।

विचार की जरूरत महसूस

संकल्‍प में कहा गया है कि राज्य के पिछड़े क्षेत्रों में आर्थिक विकास की गति को तीव्र करने संबंधी योजना और उपायों पर सम्यक विचार करने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। इस कार्य के लिए औद्योगिक विकास एवं क्षेत्रों को चिन्हित कर उसके लिए आधारभूत संरचनाओं की व्यवस्था किया जाना है।

सरकार को सलाह देगी

राज्य से मजदूरों का पलायन को रोकने के लिए राज्य की बुनियादी आवश्यकताओं के साथ उनका समन्वय स्थापित कर उनका सतत् विकास किया जाना है। राज्य में उपलब्ध प्राकृतिक संपदाओं के समुचित उपयोग एवं मानव संसाधनों के सम्यक विकास को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किये जाने वाले कार्यों के त्वरित निष्पादन के निमित्त राज्य सरकार को परामर्शित करने के लिए एक उच्च स्तरीय ‘झारखंड राज्य समन्वय समिति’ गठित करने का निर्णय लिया गया है।

ये हैं समिति के सदस्‍य

समिति के अध्‍यक्ष पूर्व सीएम सह राज्‍यसभा सांसद शिबू सोरेन होंगे। कांग्रेस के प्रदेश अध्‍यक्ष राजेश ठाकुर, सरफराज अहमद, फागू बेसरा, झामुमो के महासचिव विनोद पांडेय, पूर्व विधायक योगेंद्र महतो को सदस्‍य बनाया गया है। उक्त समिति में विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में मंत्री आलमगीर आलम, सत्यानंद भोक्ता और बंधु तिर्की को भी सम्मिलित किया गया है।

कार्यकाल 3 साल का

झारखंड राज्य समन्वय समिति का कार्यकाल 3 वर्षों का होगा। उक्त समिति समय-समय पर राज्य सरकार को परामर्शित करेगी। समिति के अध्यक्ष के आवास में ही समिति का कार्यालय होगा। समिति की बैठकें प्रत्येक माह आयोजित की जा सकेंगी। समिति को अपेक्षित एवं यथावश्यक सचिवालीय सहायता मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी (समन्वय) विभाग द्वारा दी जायेगी।

इन्‍हें मिलेगी सुविधाएं

समिति के सभी सदस्य (शिबू सोरेन, सरफराज अहमद, आलमगीर आलम, सत्यानंद भोक्ता, बंधु तिर्की को छोड़कर) को राज्य के मंत्री को अनुमान्य सभी सुविधाओं के साथ मंत्री का दर्जा दिया गया है।