पूर्ण चंद्र ग्रहण 8 नवंबर को, यहां दिखाई देगा पूर्ण एवं आंशिक दोनों अवस्था का अंत

नई दिल्ली देश मुख्य समाचार
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नई दिल्‍ली। पूर्ण चंद्र ग्रहण 8 नवंबर, 2022 को लगेगा। चंद्रोदय के समय ग्रहण भारत के सभी स्थानों से दिखाई देगा। हांलाकि ग्रहण की आंशिक एवं पूर्णावस्था का आरम्भ भारत के किसी भी स्थान से दिखाई नहीं देगा, क्योंकि यह घटना भारत में चंद्रोदय के पहले ही प्रारंभ हो चुकी होगी। ग्रहण की पूर्ण एवं आंशिक अवस्था दोनों का अंत देश के पूर्वी हिस्सों से दिखाई देगा। देश के बाकी हिस्सों से आंशिक अवस्था का केवल अंत ही दिखाई देगा।

ग्रहण दक्षिण अमरीका, उत्तर अमरीका, ऑस्ट्रेलिया, एशिया, उत्तर अटलांटिक महासागर तथा प्रशांत महासागर के क्षेत्रों में दिखाई देगा।

ग्रहण भारतीय मानक समय अनुसार दोपहर 2.39 मिनट पर शुरू होगा, जिसकी पूर्ण अवस्था 3.46 मिनट पर प्रारम्भ होगी। ग्रहण की पूर्णावस्था का अंत भारतीय मानक समय अनुसार शाम 5.12 मिनट पर होगा। आंशिक अवस्था का अंत भारतीय मानक समय अनुसार 6.19 मिनट पर होगा।

देश के पूर्वी भाग में स्थित शहरों यथा कोलकाता एवं गुवाहाटी में चंद्रोदय के समय ग्रहण की पूर्णावस्था चल रही होगी। कोलकाता में चंद्रोदय के समय से लेकर पूर्णावस्था के अंत तक की अवधि 20 मिनट की होगी। चंद्रोदय के समय से लेकर ग्रहण की आंशिक अवस्था के अंत तक की अवधि 1 घंटा 27 मिनट की होगी।

गुवाहाटी में चंद्रोदय के समय से लेकर पूर्णावस्था के अंत तक की अवधि 38 मिनट की होगी। वहां चंद्रोदय के समय से लेकर ग्रहण की आंशिक अवस्था के अंत तक की अवधि 1 घंटा 45 मिनट की होगी।

दिल्ली, मुंबई, चेन्नै एवं बंगलुरू में पूर्णावस्था के अंत के उपरांत चंद्रोदय होगा। उस समय आंशिक ग्रहण चल रहा होगा। उपर्युक्त शहरों में चंद्रोदय के समय से लेकर ग्रहण की आंशिक अवस्था के अंत तक की अवधि क्रमश: 50 मिनट, 18 मिनट, 40 मिनट और 29 मिनट तक की होगी।

भारत में अगला चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर, 2023 को घटित होगा, जो कि आंशिक चंद्र ग्रहण होगा। भारत में दृश्य पिछला चंद्र ग्रहण 19 नवंबर, 2021 को घटित हुआ था, जो कि आंशिक चंद्र ग्रहण था।

चंद्र ग्रहण पूर्णिमा को लगता है, जब पृथ्वी सूर्य एवं चंद्रमा के बीच आ जाती है। ये तीनों एक सीधी रेखा में स्थित हो जाते हैं। पूर्ण चंद्र ग्रहण तब घटित होता है, जब चंद्रमा पूर्णतया पृथ्वी की प्रच्छाया से आवृत हो जाता है। आंशिक चंद्र ग्रहण तब घटित होता है, जब चंद्रमा का एक हिस्सा ही पृथ्वी की प्रच्छाया से ढक पाता है।