बगहा। बिहार के पश्चिमी चंपारण के बगहा में एक बार फिर गर्भाशय कांड से सनसनी फैल गई। एक निजी नर्सिंग होम में अलग-अलग बीमारियों का इलाज कराने या डिलीवरी के लिए गईं 7 महिलाओं का गर्भाशय निकाल लिया गया।
अब अधिकारियों ने बिहार के पश्चिमी चंपारण के एक निजी नर्सिंग होम में बिना सहमति के 7 महिलाओं के गर्भाशय निकाले जाने की शिकायतों की जांच शुरू कर दी है। पश्चिम चंपारण के सिविल सर्जन डॉ बीरेंद्र कुमार चौधरी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की एक टीम ने निजी अस्पतालों में कथित अवैध गतिविधियों पर छापा मारा।
इस कार्रवाई के दौरान रामनगर पंचायत क्षेत्र के एक अस्पताल के अंदर 11 महिला मरीज मिलीं। इन 11 मरीजों में से 7 का गर्भाशय निकाला जा चुका था, जबकि दो या तीन महिलाओं की सी-सेक्शन डिलीवरी हुई।
सिविल सर्जन के मुताबिक ‘उन सभी का पांच से सात दिन पहले ऑपरेशन किया गया था। इसलिए, उन्हें परेशान करने के बजाय, हमने अपनी एएनएम (सहायक नर्स दाई) और दो पुरुष स्टाफ और एक सुरक्षाकर्मी को तैनात किया। लेकिन अस्पताल प्रशासन से जुड़े कुछ लोगों ने सुबह दो बजे से चार बजे के बीच मरीजों को हटा दिया।’
उन्होंने कहा कि इसके बाद अधिकारियों ने एक मरीज के घर पर छापा मारा, लेकिन वह वहां से भी गायब थी। टीम ने एक अन्य महिला मरीज के साथ उसका पता लगाने में कामयाबी हासिल की।
इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। जिले में चल रहे स्वास्थ्य रैकेट की शिकायत के बाद अवैध निजी अस्पतालों के खिलाफ छापेमारी करने के लिए टीम का गठन किया गया था। इसी छापेमारी के दौरान ये बड़ा खुलासा हुआ।