MCD चुनाव से पहले AAP को बड़ा झटका ; तीन पूर्व विधायक बीजेपी में शामिल

नई दिल्ली देश
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नई दिल्ली। दिल्ली एमसीडी चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी को तगड़ा झटका लगा है। मंगलवार को आप के तीन पूर्व विधायक बीजेपी में शामिल हो गए।

इसमें पूर्व विधायक कमांडो सुरेंद्र सिंह, राजू धींगान और चौधरी फतेह सिंह शामिल हैं। इन पूर्व विधायकों ने आज दिल्ली में बीजेपी की सदस्यता ली। इस दौरान बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने उनका पार्टी में स्वागत किया। इस दौरान दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता भी मौजूद रहे।

यहां बता दें कि सुरेंद्र सिंह को आम आदमी पार्टी ने 2015 के विधानसभा चुनाव में दिल्ली कैंट सीट से उतारा था। इस चुनाव में सुरेंद्र सिंह ने जीत हासिल की। हालांकि 2020 के विधानसभा में पार्टी ने उन्हें मौका नहीं दिया।

इसके बाद वो एनसीपी में शामिल हो गए और चुनाव मैदान में आप के खिलाफ ही खड़े हो गए। जब 2020 में आप ने उनका टिकट काटा था, तो उन्होंने कहा था-‘हमारा नारा होता है ‘मुश्किल वक्त कमांडो सख्त’। यह सब चलता रहता है जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं।’ सुरेंद्र सिंह का जन्म हरियाणा के झज्जर जिले में हुआ था। उन्होंने लंबे समय तक भारतीय सेना में रहकर देश की सेवा की है।

सुरेंद्र सिंह के साथ ही आम आदमी पार्टी के पूर्व विधायक राजू धींगन भी बीजेपी में शामिल हुए हैं। वो दिल्ली की त्रिलोकपुरी सीट से विधायक रह चुके हैं। तो लगातार दो बार विधायक बने। साल 2015 के विधानसभा चुनाव में त्रिलोकपुरी सीट से उन्हें भरपूर जनसमर्थन मिला। उनका जन्म 25 जुलाई 1973 को हुआ था और उन्होंने 9वीं तक शिक्षा प्राप्त की है। उनके बीजेपी में शामिल होने से बीजेपी को एमसीडी चुनाव में फायदा हो सकता है।

दिल्ली की गोकुलपुर विधानसभा सीट से पूर्व विधायक चौधरी फतेह सिंह बीजेपी में शामिल हो गए हैं। वो 2015 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी थे। इस चुनाव में वो भारी वोटों से जीते थे, लेकिन 2018 में उनपर फर्जी डिग्री रखने का आरोप लगा। उन्हीं के विधानसभा सीट के रहने वाले दो लोगों ने पटियाला कोर्ट में अर्जी दायर करके फतेह सिंह के खिलाफ फर्जीवाड़ा का केस दर्ज करने की मांग की।

उनपर आरोप लगा कि उन्होंने 12वीं और ग्रेजुएशन की फर्जी डिग्री हासिल की। इसके बाद 2020 में आप ने उनका टिकट काट दिया। चौधरी टिकट कटने के बाद एनसीपी से फिर गोकुलपुर सीट से चुनाव में उतरे। हालांकि इस बार वो चुनाव हार गए।