लद्दाख। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मेरे लिए तो वर्षों-वर्ष से मेरा परिवार आप ही सब हैं। मेरी दीपावली की मिठास आप के बीच बढ़ जाती है, मेरी दीपावली का प्रकाश आपके बीच है। अगली दिवाली तक मेरा पद प्रशस्त करता है। मेरा सौभाग्य है मुझे वर्षों से दिवाली आपके बीच बॉर्डर पर आकर आपके साथ मनाने अवसर मिल रहा है। पीएम 24 अक्टूबर को दिवाली के अवसर पर सेना के जवानों को संबोधित कर रहे थे।
पीएम ने कहा कि हमने युद्ध को कभी भी पहला विकल्प नहीं मना। हमने युद्ध को हमेशा अंतिम विकल्प मना है। हमने युद्ध को अंत तक टालने की कोशिश की है। हम युद्ध के खिलाफ हैं, लेकिन सामर्थ्य के बिना शांति संभाव नहीं। अगर कोई हमारी तरफ नजर उठाकर देखेगा तो हमारी तीन सेनाएं दुश्मनों को उसी की भाषा में मुंहतोड़ जवाब देना भी जानती है।
मोदी ने कहा कि पाकिस्तान के साथ एक भी लड़ाई ऐसी नहीं हुई है, जहां कारगिल ने विजय ध्वज नहीं फहराया हो। दिवाली का अर्थ है कि आतंक के अंत के साथ उत्सव। यही कारगिल ने भी किया था। कारगिल में हमारी सेना ने आतंक के फन को कुचला था। देश में जीत की ऐसी दिवाली मनी कि लोग आज भी उसे याद करते हैं।
पीएम ने कहा कि एक राष्ट्र तब अमर होता है, जब उसकी संतानों को, उसके वीर बेटों और बेटियों को अपने सामर्थ्य पर परम विश्वास होता है। आपके वजह से देशवासी देश में चैन से रहते हैं। ये भारतवासियों के लिए खुशी की बात है।
मोदी ने कहा कि यूक्रेन युद्ध के दौरान हमने देखा कि कैसे हमारा राष्ट्रीय ध्वज वहां फंसे हमारे नागरिकों के लिए एक ढाल बन गया। दुनियाभर में भारत का सम्मान बढ़ा है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि भारत अपने आंतरिक और बाहरी दुश्मनों के खिलाफ सफलता के साथ मोर्चा ले रहा है।
पीएम ने कहा कि कभी नक्सलवाद ने देश के एक बड़े हिस्से को अपनी गिरफ्त में ले लिया था, लेकिन आज वो दायरा सीमट रहा है। आप सीमा पर कवच बनकर खड़े हुए हैं तो देश के भीतर देश के दुश्मनों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई हो रही है। आतंकवाद, नक्सलवाद आदि जो जड़े बीते वर्षों में पनपी थी उसे उखाड़ने का सफल प्रयास देश निरंतर प्रयास कर रहा है।
मोदी ने कहा कि राष्ट्र हित में आज बड़े से बड़े निर्णय तेजी से लागू किए जाते हैं। सेना में बड़े सुधार की जो जरूरत दशकों से महसूस की जा रही है, वो आज जमीन पर उतर रही है। मैं अपने 3 सेनाओं की प्रशंसा करता हूं, जिन्होंने तय किया है कि 400 से अधिक रक्षा सामान अब विदेशों से नहीं खरीदे जाएंगे, बल्कि भारत में बनाए जाएंगे।