ज्ञानवापी मामले में बड़ा फैसला; कोर्ट ने शिवलिंग की कार्बन डेटिंग जांच से किया साफ इनकार

उत्तर प्रदेश देश
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उत्तर प्रदेश। बड़ी खबर उत्तर प्रदेश से आयी है. ज्ञानवापी में स्थित कथित ‘शिवलिंग’ की कार्बन डेटिंग पर जिला अदालत का फैसला आ गया है.

जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने शिवलिंग की कार्बन डेटिंग जांच से साफ इनकार कर दिया है. मामले में हिंदू पक्ष की मांग थी कि शिवलिंग की कार्बन डेटिंग और वैज्ञानिक परीक्षण किया जाए.

वहीं मुस्लिम पक्ष इस मांग पर लगातार आपत्ति जता रहा है और शिवलिंग को फव्वारा बता रहा है. ऐसे में अब कोर्ट ने कार्बन डेटिंग से इनकार कर दिया है.

वाराणसी की जिला अदालत ने कार्बन डेटिंग मामले में अपना फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने शिवलिंग की कार्बन डेटिंग से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने इससे पहले दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था.

हिंदू पक्ष की मांग है कि शिवलिंग की जांच के लिए कार्बन डेटिंग तकनीक को अपनाया जाए, जिससे की सही उम्र का पता लगाया जा सके, तो वहीं मुस्लिम पक्ष कथित शिवलिंग को फव्वारा बता रहा है. वाराणसी के जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत इस मामले में सुनवाई कर रही है.

बता दें कि, पांच हिंदू याचिकाकर्ताओं में से चार ने वाराणसी की स्थानीय अदालत द्वारा आदेशित वीडियोग्राफी सर्वेक्षण के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर पाए गए ‘शिवलिंग’ की कार्बन-डेटिंग की मांग की है.

कार्बन डेटिंग एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है, जिसका इस्तेमाल आमतौर पर पुरातत्व में किसी वस्तु की उम्र को समझने के लिए किया जाता है. ज्ञानवापी मस्जिद समिति ने कार्बन डेटिंग की याचिका का विरोध किया है.

वाराणसी की अदालत ने मामले के संबंध में पहले मुस्लिम पक्ष की दलीलें सुनी थीं. हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने कहा कि, ‘मुस्लिम पक्ष ने कहा कि शिवलिंग सूट संपत्ति का हिस्सा नहीं है और इसकी कार्बन डेटिंग नहीं की जा सकती है. हमने इन दोनों बिंदुओं पर अपना स्पष्टीकरण दिया है.