देश में 1 नवंबर से लागू होगी नई व्यापार प्रमाण-पत्र व्यवस्था, जानें प्रमुख प्रावधान

नई दिल्ली देश
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नई दिल्‍ली। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) ने केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के तहत व्यापार प्रमाण-पत्र व्यवस्था में व्यापक सुधारों को अधिसूचित किया है। नई व्‍यवस्‍था 1 नवंबर से लागू होगी।

मौजूदा नियमों में कुछ विसंगतियों के कारण कई मामलों में व्यापार प्रमाण-पत्र की प्रासंगिकता की भिन्न–भिन्न व्याख्या होने से कई व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। इसके अलावा आरटीओ में व्यापार प्रमाण-पत्र के लिए आवेदन भौतिक रूप से दाखिल करना आवश्यक था। इस प्रक्रिया में काफी समय लगता था।

व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देने के प्रयास में, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) ने व्यापार प्रमाण-पत्र व्यवस्था को सरल और सुव्यवस्थित करने के लिए नए नियमों को अधिसूचित किया है।

नए नियमों के प्रमुख प्रावधान

1. व्यापार प्रमाण-पत्र की जरूरत केवल उन वाहनों के मामले में होगी, जो ना तो पंजीकृत हैं और न ही अस्थायी रूप से पंजीकृत हैं। ऐसे वाहन केवल मोटर वाहनों के डीलर, निर्माता, आयातक या नियम 126 में निर्दिष्ट एक परीक्षण एजेंसी के कब्जे में हो सकते हैं।

2. व्यापार प्रमाण-पत्र और व्यापार पंजीकरण संकेतकों के लिए आवेदन वाहन पोर्टल पर इलेक्ट्रॉनिक रूप से किया जा सकता है। इसके लिए आरटीओ जाने की जरूरत नहीं होगी। इसके अलावा, आवेदक एक ही आवेदन में कई प्रकार के वाहनों के लिए आवेदन कर सकता है।

3. व्यापार प्रमाण-पत्र जारी करने या उसका नवीनीकरण करने की समय-सीमा 30 दिन निर्धारित की गई है। इसमें 30 दिनों के भीतर निपटारे नहीं किए गए आवेदनों को स्वीकृत माना जाएगा।

4. व्यापार प्रमाण-पत्र की वैधता की अवधि 12 महीने से बढ़ाकर पांच साल कर दी गई है।

5. डीलरशिप प्राधिकार में एकरूपता लाने के उद्देश्य से एक डीलरशिप प्राधिकार प्रमाण-पत्र (फॉर्म16ए) की व्यवस्था शुरू की गई है। व्यापार प्रमाण-पत्र को डीलरशिप प्राधिकार के साथ को-टर्मिनस बना दिया गया है।

6. शोरूम/गोदाम में डीलरशिप प्राधिकार प्रमाण-पत्र प्रदर्शित करना भी अनिवार्य कर दिया गया है।

7. कार्यान्‍वन की तिथि 1 नवंबर 2022 प्रस्तावित है। मौजूदा व्यापार प्रमाण-पत्र उनके नवीनीकरण कराने की तारीख तक वैध रहेंगे।