- संकर धान अनुवांशिकी पर आणविक पहल पर व्याख्यान का आयोजन
रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के सोसाइटी ऑफ जेनेटिक्स एंड प्लांट ब्रीडिंग के सौजन्य से शनिवार को संकर धान अनुवांशिकी पर आणविक पहल पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। इसके मुख्य वक्ता बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के अनुवांशिकी एवं पौधा प्रजनन विभाग के अध्यक्ष डॉ एसके सिंह थे।
मौके पर मुख्य वक्ता डॉ एसके सिंह ने कहा कि तेजी से बढ़ती दुनिया की आबादी को खिलाने के लिए उच्च उपज, बेहतर अनाज की गुणवत्ता और मजबूत पर्यावरणीय अनुकूलन क्षमता के लिए चावल का आणविक प्रजनन बेहद महत्वपूर्ण साबित हो रहा है। चावल दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण मुख्य फसलों में से एक है।
डॉ सिंह ने कहा कि तीव्र आर्थिक विकास और जनसंख्या वृद्धि से फसल उत्पादन पर भारी दबाव बढ़ा है। खाद्य आपूर्ति की सुरक्षा को पूरा करने के लिए, हमें 2030 से पहले प्रति इकाई क्षेत्र में फसल की उपज में 50 % की वृद्धि करने की आवश्यकता है। पारंपरिक प्रजनन परोक्ष रूप से केवल गुणात्मक लक्षणों के लिए प्रभावी होता है।
डॉ सिंह ने कहा कि पिछले कुछ दशकों में, आणविक मार्करों, ट्रांसजेनिक प्रौद्योगिकी और जीनोमिक्स की प्रगति ने चावल में आणविक प्रजनन प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोगों की अनुमति देते हुए पारंपरिक चावल प्रजनन की अवधारणा और साधनों पर दूरगामी प्रभाव डाला है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने वैज्ञानिकों को प्रदेश एवं किसान हित में आणविक प्रजनन के माध्यम से अधिकाधिक उन्नत धान फसल किस्मों के विकास पर बल दिया।
स्वागत डॉ सोहन राम और धन्यवाद डॉ नीरज कुमार ने किया। मौके पर डॉ जेडए हैदर, डॉ डीके शाही, डॉ पीके सिंह, डॉ पीबी साहा सहित अनुवांशिकी एवं पौधा प्रजनन विभाग के वैज्ञानिक, पीजी एवं पीएचडी छात्र भी मौजूद थे।