इन पांच राज्‍यों में कई आदिवासी समुदायों को अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी

नई दिल्ली देश
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नई दिल्ली। बड़ी खबर यह है कि बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में कई आदिवासी समुदायों को अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी।

केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने मीडियाकर्मियों को कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि यह प्रस्ताव कई वर्षों से लंबित था।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में कई जनजातीय समुदायों को अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की। हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति में शामिल किया गया है। यह समुदाय कई वर्षों से यह मांग कर रहा था।

अर्जुन मुंडा ने बताया कि केंद्रीय कैबिनेट के फैसले से अकेले हिमाचल प्रदेश में हाटी समुदाय के लगभग 1 लाख 60 हजार लोग लाभान्वित होंगे। मूल रूप से वर्तनी की त्रुटियों और कई समुदायों के समान लगने वाले नामों के कारण, इन समुदाय के लोगों को लंबे समय से एसटी की श्रेणी में नहीं लाया जा सका था।

केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश 1950 में संशोधन के प्रस्‍ताव को मंजूरी प्रदान की। कैबिनेट ने एसटी श्रेणी के तहत तमिलनाडु के कुरीविक्करन, समुदाय के साथ नारिकोरावन को शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी।

इसी तरह कर्नाटक के बेट्टा-कुरुबा समुदाय को कडू कुरुबा के पर्याय के रूप में एसटी का दर्जा दिया जाएगा। अब संसद के आगामी सत्र में विधेयक पेश करके संविधान संशोधन संबंधी प्रस्‍ताव को मंजूरी दिलाई जाएगी।

इसके अलावा उत्तर प्रदेश के भदोही जिले में गोंड को इसकी पांच उपजातियों के साथ अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल किए जाने के प्रस्‍ताव को भी मंजूरी प्रदान की गई। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के ट्रांस-गिरी क्षेत्र को आदिवासी दर्जा भी प्रदान करने पर मुहर लगाई।