असम में मदरसे का शिक्षक निकला जिहादी, तो लोगों का फूट पड़ा गुस्सा, फिर जो हुआ…

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असम। असम में टेरर लिंक के मामले में हिमंत बिस्वा सरमा की सरकार पूरे एक्शन में है। यहां अब तक अलकायदा और बांग्लादेश के आंतकी संगठन से लिंक के मामले में 37 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

ऐसे में असम में इन दिनों मदरसों को ढहाने का मामला गरमाया हुआ है।पुलिस का कहना है कि इन मदरसों में जिहादी गतिविधियों को चलाया जा रहा था। वहीं अब पुलिस ने दावा किया है कि गोलपारा जिले में बने ऐसे ही एक मदरसे को मंगलवार को स्थानीय लोगों ने गिरा दिया।

गोलपारा एसपी वीवी राकेश रेड्डी ने बताया कि पुलिस ने एक जिहादी को गिरफ्तार किया था। स्थानीय लोगों को जब यह पता चला कि वह जिहादी मदरसे का शिक्षक था, तो उनका गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने मदरसे को ढहा दिया।

एसपी ने कहा कि लोगों ने कड़ा संदेश दिया है कि वे जिहादी गतिविधियों का समर्थन नहीं करते हैं।

असम पुलिस सीपीआरओ ने बताया कि गोलपारा के मटिया पुलिस थाने के अंतर्गत पखिउरा चार में यह मदरसा बना हुआ था। पुलिस को खबर थी कि मदरसे और उससे सटे आवास का कथित तौर पर दो बांग्लादेशी नागरिक जिहादी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।

पिछले दिनों असम के जोगीघोपा में एक मदरसे पर बुलडोजर चलाया गया था। मदरसे के एक मौलवी की गिरफ्तारी के बाद यह कार्रवाई की गई थी। मौलवी पर अलकायदा से लिंक के आरोप हैं।

आरोप है कि मुफ्ती हफिजुर रहमान मदरसे में रहकर जिहादी गतिविधियों को अंजाम दे रहा था। असम की गोलपारा पुलिस ने हाल ही में रहमान को गिरफ्तार किया था। इसके बाद बोंगईगांव प्रशासन ने मदरसे को खाली करने का नोटिस भेजा था।

असम सरकार ने इससे पहले 28 अगस्त को बारपेटा में भी एक मदरसे को गिरा दिया था। यहां के एक टीचर पर बांग्लादेशी जिहादी संगठन से लिंक का आरोप लगा था। यहां अल कायदा का टीचर मोहम्मद सुमान 2019 से जिहादी गतिविधियों को अंजाम दे रहा था। असम में अब तक मदरसों के 37 मौलवी और टीचरों को अल कायदा से लिंक के मामले में गिरफ्तार किया था।