पटना। किसानों की समस्याओं का समाधान करना सरकार की प्राथमिकता है। उक्त बातें कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने कही। वह मीठापुर कृषि प्रक्षेत्र स्थित कृषि भवन के सभागार में बिल्डिंग पर्सपेक्टिव ऑफ एग्रीकल्चर कॉमोडिटी प्राईस फिक्सेशन इन बिहार विषय पर शुक्रवार को एक कार्यशाला में बोल रहे थे।
मंत्री ने कहा कि राज्य के किसानों को उनके फसल उत्पादों का बेहतर मूल्य दिलाने एवं फसल उत्पादों के विपणन में किसानों के समक्ष उत्पन्न हो रही चुनौतियों एवं समस्याओं का स्थाई समाधान करने के लिए पदाधिकारियों एवं विशेषज्ञों का विचार जानने के लिए इसका आयोजन किया गया। किसानों की समस्याओं का समाधान करना सरकार की प्राथमिकता है।
मंत्री ने आगे बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर किसान आन्दोलन के उपरान्त केन्द्र सरकार के स्तर पर कृषि उत्पादों के न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित नीतियों के निर्धारण के लिए उच्चस्तरीय समितियों का गठन किया गया है। इन समितियों के समक्ष भी बिहार का पक्ष रखे जाने के लिए इस विषय से जुड़े विशेषज्ञों के विचार इस बैठक में लिए गये। उन्होंने आगे बताया कि भविष्य में भारत सरकार के स्तर से कृषि के क्षेत्र में लिये जाने वाले निर्णय और नीतियों के निर्धारण में बिहार राज्य की प्राथमिकताओं आवश्यकताओं को शामिल करने के लिए अनुरोध किया जायेगा।
मंत्री ने निर्देश दिया कि इस संबंध में एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया जाये, जो इस विषय का अधययन कर राज्य का पक्ष रखेगी। इस कमेटी के तहत अलग-अलग विषयों पर सब-कमिटियों का गठन किया जायेगा, जो इन विषयों से जुड़े विभिन्न बिन्दुओं पर डाटा संग्रहण और फिल्ड सर्वे के माध्यम से जानकारी एकत्र कर राज्य का पक्ष रखेगी।
मौके पर कृषि विभाग के विशेष सचिव-सह-निदेशक बावास रवीन्द्रनाथ राय, कृषि निदेशक डॉ आदित्य प्रकाश, नाबार्ड के महाप्रबंधक विनय सिन्हा, भारतीय रिजर्व बैंक (पटना) के प्रतिनिधि, आद्री के निदेशक डॉ पीपी घोष, नाबार्ड के पूर्व निदेशक डॉ टीएन झा, एएन सिन्हा इन्स्टीच्यूट ऑफ सोशल स्टडीज के सहायक प्रो अविरल पाण्डेय, डीएमआई के सहायक प्रो श्रीधर टी, बीसा के डॉ आरके जाट, बावास के उप निदेशक सनत कुमार जयपुरियार सहित अन्य पदाधिकारी ने अपने विचार दिये।