पटना। नीतीश कैबिनेट की मंगलवार को हुई बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने की। कैबिनेट की बैठक में 16 प्रस्ताव पारित किए गए। स्वास्थ्य विभाग पर विशेष ध्यान दिया गया।
गया हवाई अड्डा पर एविएशन टर्बाइन फ्यूल पर मूल्य वर्धित कर को 29 प्रतिशत से घटाकर 4 प्रतिशत करने का प्रस्ताव पारित किया गया। स्वास्थ्य विभाग के लिए कई प्रस्ताव पारित किए गए।
स्वास्थ्य विभाग के लिए 7990 पदों का सृजन किया गया है। इसके अलावा छपरा और समस्तीपुर में मेडिकल कॉलेज खोलने का प्रस्ताव भी पारित किया गया है। समस्तीपुर में राम जानकी चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना की स्वीकृति दी गई है।
इसके लिए 135 गैर शैक्षणिक पद और चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल के लिए 288 पदों की स्वीकृति दी गई है। अस्पतालों में क्रिटिकल केयर मेडिसिन एवं ब्लड ट्रांसफ्यूजन विभाग का सृजन एवं शैक्षणिक एवं शैक्षणिक पदों के सृजन की मंजूरी दी गई है।
कैबिनेट की बैठक में सदर अस्पतालों में ड्रेसर के पदों के सृजन की स्वीकृति भी दी गई है। बिहार के 35 सदर अस्पतालों में 210 ड्रेसर के पदों पर स्वीकृति दी गई है। जबकि छपरा मेडिकल कॉलेज के लिए 423 नए पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है। वहीं 17 सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में 2673 नए पदों की स्वीकृति दी गई है।
राजकीय चिकित्सा कॉलेज एवं अस्पताल छपरा में 100 एमबीबीएस छात्रों के नामांकन की मान्यता के लिए राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग के मानक के अनुरुप शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक पदों के लिए 135 पद तथा अस्पताल के लिए 288 पदों की स्वीकृति दी गई है।
कैबिनेट की बैठक में 12 जिलों की छात्राओं के लिए हॉस्टल निर्माण की स्वीकृति भी दी गई है। सुपौल, कैमूर, सीवान, पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर, जहानाबाद, शेखपुरा, खगड़िया, बेगुसराय, गोपालगंज, बक्सर और भोजपुर में 520 आसन वाले अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आवासीय प्लस टू विद्यालय भवन के निर्माण का प्रस्ताव पारित किया गया है।
इसके लिए 556 करोड़ 23 लाख रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है। इसके तहत 12 जिलों में प्रति स्कूल 520 छात्राओं के पढ़ने और रहने के लिए भवन का निर्माण होगा। कुल 6240 छात्राएं इसका लाभ ले सकेंगी। इसके अलावा बैठक में नगर पालिका आम चुनाव संपन्न कराने के लिए 62.18 करोड़ अग्रिम राशि की स्वीकृति दी गई। बिहार औषधि नियंत्रण प्रयोगशाला अगम कुआं में विभिन्न कोटी के 39 पद और 3 पद पत्यपर्ण के प्रस्ताव पर स्वीकृति दी गई।
सरकारी चिकित्सा कॉलेज से पीजी डिप्लोमा में उतीर्ण करने वाले विद्यार्थियों से बंध पत्र के अधीन 3 वर्षीय अनिवार्य सेवा के लिए 3990 फ्लोटिंग पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई। इसके अलावा और भी कई प्रस्ताव पारित किए गए।