सरकार से शिक्षकों की गुहार, छात्र हित में हमें सिर्फ पढ़ाने दिया जाए

झारखंड शिक्षा
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  • झारखंड प्रदेश शिक्षक संघर्ष मोर्चा की कोर कमेटी की बैठक में कई प्रस्‍ताव पारित

रांची। शिक्षकों ने राज्‍य सरकार से गुहार लगाई है। उन्‍होंने कहा है कि उन्‍हें छात्रों के हित में सिर्फ पढ़ाने दिया जाए। अन्‍य कार्यों से मुक्‍त कर दिया जाए। यह प्रस्‍ताव झारखंड प्रदेश शिक्षक संघर्ष मोर्चा की कोर कमेटी की बैठक में पारित किया गया।

संयोजक संयोजक शैलेंद्र कुमार सुमन की अध्यक्षता में जिला शिक्षा परिसर स्थित बीआरसी भवन में मोर्चा की बैठक 20 अगस्‍त को हुई। इसमें कमेटी के संयोजक अमीन अहमद, आशुतोष कुमार, प्रेम प्रसाद राणा, सुधांशु कुमार सिंह, मकसूद जफर एवं अरुण कुमार दास उपस्थित थे।

मौके पर कई विषयों पर चर्चा की गई। प्रदेश के सभी सरकारी विद्यालय के छात्र, शिक्षक एवं उनके अभिभावकों के हितों से जुड़े कई प्रस्तावों को कोर कमेटी के सदस्यों ने पारित कि‍या। सरकार एवं आम जनों के संज्ञान में लाने का निर्णय लिया। मोर्चा को सशक्त बनाने की कार्ययोजना बनाई गई। राज्य के शिक्षा एवं छात्रों के हित में काम करने वाले संघों से विचार विमर्श करने की रणनीति बनाई गई है।

मोर्चा ने नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली के नए वेतनमान का विरोध किया। छठे वेतनमान के अनुरूप प्राथमिक शिक्षकों के उत्क्रमित वेतनमान को लागू कराने की रणनीति बनाई गई। शिक्षकों का गृह जिला एवं नियमित स्थानांतरण, वर्षो से लंबित सभी ग्रेडों में प्रोन्नति, यथाशीघ्र नियमित शिक्षकों की नियुक्ति, सेंट्रल किचन द्वारा छात्रों को मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराते हुए शिक्षकों को एमडीएम से मुक्त करने की मांग की गई। विद्यालयों में पेयजल, शौचालय, विद्यार्थियों की संख्‍या के अनुरूप वर्ग कक्ष एवं शिक्षक की उपलब्धता सुनिश्चित करने की अपील मोर्चा ने की।

ये प्रस्ताव किए गए पारित

छात्र एवं प्रदेश के मानव संसाधन के विकास के लिए शिक्षक को शिक्षक ही रहने दिया जाय। जाति प्रमाण पत्र, बैंक अकाउंट खुलवाने, आधार कार्ड बनवाने, बीएलओ के कार्य, रिपोर्टिंग के कार्य, हेल्थ रिपोर्ट कार्ड, अन्यान्य विभागों के कार्य के अतिरिक्त लगभग सभी काम शिक्षकों से संपन्न कराए जाने की प्रवृति को यथाशीघ्र समाप्त की जाए।

शिक्षा विभाग में शिक्षा के उन्नयन के लिए वर्षों से कार्य कर रहे सभी एनजीओ की उपयोगिता एवं नित नए’नए प्रयोग कर झारखंड के बच्चे एवं शिक्षकों को मात्र एक सब्जेक्ट के रूप में बना दिए जाने के दुष्परिणामों के प्रति सरकार और जनता को आगाह करने का काम मोर्चा करेगा।

केंद्र सरकार द्वारा संचालित केंद्रीय विद्यालयों के समान समय सारणी, वार्षिक शैक्षणिक कैलेंडर के अनुरूप शिक्षण कार्य कराए जाएं। सरकार द्वारा मौजूदा विद्यालय की समय सारणी को आरटीई के मानक प्रावधानों के अनुरूप लागू कराया जाए।