आयात घटाने की बनी रणनीति, अब यूपी में ही बनाए जाएंगे उत्पाद

उत्तर प्रदेश देश
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  • 95 उत्पादों को प्रदेश में बढ़ावा देने की बनाई जा रही योजना

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मिशन वन ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य को पूरा करने के लिए सेक्टरवार रणनीति बनाकर कार्य शुरू किया गया है। इसके तहत प्रदेश में आयात होने वाले 95 उत्पादों को भी चिह्नित किया गया है। यह ऐसे उत्पाद हैं, जो यूपी के ड्राई पोर्ट पर उतरते हैं। इसके अलावा दूसरे बंदरगाहों के माध्यम से आयात होने वाले उत्पादों को भी चिह्नित किया जा रहा है।

सीएम योगी ने हाल ही में एमएसएमई विभाग को प्रदेश में आयात होने वाले उत्पादों को चिह्नित करने के निर्देश दिए थे। उनकी मंशा है कि ऐसे उत्पादों को प्रदेश में बढ़ावा देकर आयात घटाया जाए, ताकि प्रदेश आत्म निर्भरता की ओर अग्रसर हो सके। सीएम के निर्देश के बाद ऐसे उत्पादों को चिह्नित किया गया है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में यूपी के ड्राई पोर्ट से 55 हजार करोड़ से अधिक के 95 उत्पाद आयात हुए हैं। इसमें 10 हजार करोड़ से लेकर सौ करोड़ रुपए तक के 48 उत्पादों का आयात किया गया है।

एमएसएमई के अपर मुख्य सचिव डॉ नवनीत सहगल ने बताया कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर बनाने के लिए सभी संभावित बिंदुओं पर कार्य योजना बनाकर कार्य किया जा रहा है। इसके तहत प्रदेश में आयात होने वाले उत्पादों को भी चिह्नित किया गया है। सरकार की योजना है कि आयात होने वाले उत्पादों को प्रदेश में ही बनाए जाएं। इन उत्पादों को प्रदेश में बढ़ावा देने के लिए कार्य योजना बनाई जा रही है।

टॉप 10 उत्पादों में सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रानिक्स के 10,200 करोड़ रुपये के ट्रांसफार्मर, जेनरेटर, मिक्सर ग्राइंडर, सेमी कंडक्टर चिप, प्रोसेसर, मेमोरीज आदि उत्पाद हैं। दूसरे नंबर पर 6592 करोड़ रुपए के मछली का तेल, कैस्टर आयल, सोयाबीन का तेल और खाने में प्रयोग होने वाले तेल आदि हैं। तीसरे नंबर पर 6315 करोड़ रुपए के न्यूक्लियर रिएक्टर, बायलर्स और बड़े प्लांट में उपयोग होने वाली मशीनरी आदि हैं। चौथे नंबर पर 4906 करोड़ रुपए के प्लास्टिक पैलेट्स का आयात होता है।

ऐसे ही पांचवें नंबर पर 2817 करोड़ रुपए के एल्मूनियम, आयरन, स्टील और कॉपर के बने उत्पादों का आयात होता है। छठे नंबर पर 1592 करोड़ रुपए के आरगेनिक केमिकल्स, सातवें नंबर पर 1590 करोड़ रुपए के मेडिकल के सर्जिकल उपकरण, आठवें पर 1515 करोड़ रुपए के सोने-चांदी के आभूषण और रत्न, नौवें पर 1207 करोड़ रुपए के पेपर बोर्ड, कार्ड बोर्ड, केमिकल के बने हार्ड बोर्ड और दसवें नंबर पर 1106 करोड़ रुपए के निकिल और निकिल स्क्रैप मेटल्स का आयात होता है।