रांची। झारखंड की उपराजधानी दुमका में अंकिता हत्याकांड में पक्षपात के आरोपों से घिरे पुलिस अधिकारी नूर मुस्तफा को केस की जांच से हटा दिया गया है।
एसडीपीओ नूर मुस्तफा पर अंकिता के कातिल शाहरुख से पक्षपात और उसे बचाने की कोशिश का आरोप लग रहा था। हालांकि, उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया है, जैसा कि भाजपा मांग कर रही थी।
इस बाबत दुमका के एसपी अंबर लकड़ा ने कहा है कि जांच इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी करेंगे। वहीं एसपी स्तर के अधिकारी इस मामले में हो रही जांच का सुपरविजन करेंगे।
बता दें कि इससे पहले बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) ने अंकिता को नाबालिग बताते हुए पोक्सो कानून के तहत केस दर्ज करने को कहा है।
समिति ने कहा कि छात्रा की 10वीं के मार्कशीट के मुताबिक उसकी उम्र 16 साल के आसपास थी और वह बालिग नहीं थी जैसा कि पुलिस ने दावा किया। आरोप था कि एसडीपीओ नूर मुस्तफा ने अंकिता को बालिग बताया था।